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अपने दोस्त Israel को समझाओ और हमें बचा लो, Irani President Masoud Pezeshkian ने PM Modi से लगाई गुहार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की। ईरान और इजराइल के मध्य बढ़ते तनाव के बीच पेजेशकियन ने पश्चिम एशिया में शांति की आवश्यकता पर बल दिया तथा सभी पक्षों के साथ भारत के अच्छे संबंधों के कारण संघर्ष को कम करने में उसकी भूमिका पर जोर दिया। हम आपको बता दें कि जुलाई में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति बने पेजेशकियन और मोदी के बीच यह पहली मुलाकात है। दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की।
मोदी ने अंग्रेजी और फारसी दोनों भाषाओं में ‘एक्स’ पर लिखा, “ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। हमने अपने देशों के बीच संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की। हमने भविष्य के क्षेत्रों में संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर भी चर्चा की।” विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेसवार्ता में बताया कि मोदी और पेजेशकियन के बीच ‘‘सार्थक चर्चा’’ हुई। मिसरी ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने बढ़ते संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत के आह्वान को दोहराया। उन्होंने तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता पर बल दिया।’’

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विदेश सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति पेजेशकियन ने क्षेत्र में शांति एवं सद्भाव की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत सभी संबंधित पक्षों के साथ अपने अच्छे संबंधों के कारण संघर्ष को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पेजेशकियन को उनकी हालिया चुनावी जीत पर बधाई दी और ईरान के साथ सदियों पुराने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने ब्रिक्स परिवार में ईरान का स्वागत भी किया। मिसरी ने कहा, “चर्चा में सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों, विशेष रूप से चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।” मिसरी ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा में अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठा। उन्होंने कहा, “दोनों नेताओं ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने तथा अफगानिस्तान के लोगों के लिए मानवीय सहायता जारी रखने के महत्व पर जोर दिया।” प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पेजेशकियन को शीघ्र भारत आने का निमंत्रण दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति पेजेशकियन ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया।
हम आपको बता दें कि ईरान और भारत के बीच हुई वार्ता उस हालिया विवाद के बाद हुई है जब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारतीय मुसलमानों को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। उस दौरान भारत ने खामेनेई के बयान पर न केवल तीखी प्रतिक्रिया दी थी बल्कि उन्हें आईना भी दिखा दिया था।

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