Wednesday, May 14, 2025
spot_img
HomeUncategorizedअमेरिका भारत को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराएगा: मोदी-ट्रंप मीटिंग में हो सकती...

अमेरिका भारत को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराएगा: मोदी-ट्रंप मीटिंग में हो सकती है ये डील

Image 2025 02 04t174319.979

भारत-अमेरिका रक्षा सौदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा होगी। हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और सैन्य साझेदारी तेजी से बढ़ी है। इस यात्रा से इसे और मजबूती मिलने की संभावना है। 

भारत और अमेरिका विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समान रणनीतिक दृष्टिकोण साझा करते हैं। 2016 में अमेरिका ने भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में तेजी आई। इसके अलावा, 2018 में भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण टियर-1 (एसटीए-1) का दर्जा प्राप्त हुआ, जिससे भारत को सैन्य और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी तक अधिक अनुकूल पहुंच प्राप्त हुई।

 

भारत को मिल सकते हैं आधुनिक हथियार

भारत एफ-21, बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और एफ-15ईएक्स ईगल जैसे उन्नत लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव कर रहा है। इस विमान से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी और अमेरिका के साथ सैन्य समन्वय मजबूत होगा।

नौसेना के लिए उन्नत हेलीकॉप्टर और ड्रोन

अमेरिका द्वारा एमएच-60आर सीहॉक हेलीकॉप्टर (2.8 बिलियन डॉलर का अनुबंध) और सी गार्जियन मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) की आपूर्ति किए जाने की संभावना है, जिससे भारतीय नौसेना की टोही और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि होगी।

आधुनिक सुरक्षा प्रणालियाँ और हथियार

भारत पहले ही अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर (796 मिलियन डॉलर) और लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटरमेजर (189 मिलियन डॉलर) खरीद चुका है। इस बैठक में रक्षा समझौते के आगे विस्तार पर चर्चा हो सकती है। 

 

संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण

अमेरिका और भारत टाइगर ट्रायम्फ जैसे त्रि-सेवा अभ्यासों और मालाबार जैसे नौसैनिक अभ्यासों के माध्यम से अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं। इस बैठक में इन सैन्य अभ्यासों को विस्तारित करने पर सहमति बन सकती है।

भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग कैसे बढ़ेगा?

एफएमएस (विदेशी सैन्य बिक्री) और डीसीएस (प्रत्यक्ष वाणिज्यिक बिक्री) के तहत हथियारों और रक्षा प्रौद्योगिकी की खरीद को सुगम बनाया जाएगा। आईएमईटी (अंतर्राष्ट्रीय सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण) कार्यक्रम के तहत भारत को अधिक अमेरिकी सैन्य प्रशिक्षण एवं तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराया जा सकता है।

दोनों देश LEMOA (लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट), COMCASA (कम्युनिकेशंस कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट) और ISA (इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एग्रीमेंट) जैसे समझौतों को और अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा कर सकते हैं।

हिंद-प्रशांत रणनीति और वैश्विक शक्ति संतुलन

अमेरिका और भारत साझा लक्ष्य के तहत चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को और मजबूत कर सकते हैं।

क्वाड देशों अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सुरक्षा रणनीति को और आगे बढ़ाने की योजना बनाई जा सकती है।

 

बंगाल की खाड़ी पहल के तहत भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सैन्य सहायता प्रदान की जा सकती है।

भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लाभ

  • भारतीय सेना की क्षमता बढ़ेगी।
  • आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी आसानी से उपलब्ध होगी।
  • सैन्य प्रशिक्षण और अंतरसंचालनीयता में सुधार होगा।
  • चीन और पाकिस्तान जैसे शत्रुओं के विरुद्ध रणनीति में वृद्धि होगी।

भारत के लिए यह अवसर सोने में सुगंध घोलने जैसा है, अर्थात भारत को अपनी रक्षा आवश्यकताओं को मजबूत करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, क्वाड के तहत चीन को घेरने की रणनीति भारत को अमेरिका के साथ खुले गठबंधन में ला खड़ा करेगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments