अलर्ट! शेल्कल 500 और पैन डी समेत चार दवाएं नकली, 49 की क्वालिटी खराब, CDSCO की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500 और पैन डी समेत चार दवाओं के नमूनों को नकली पाया है. जबकि 49 दवाओं के नमूनों को स्टैण्डर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं पाया गया है. दवाओं के कुछ बैच जिन्हें ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया है, वो अल्केम हेल्थ साइंस, अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स, कैमिला फार्मास्यूटिकल्स, इनोवा कैप्टन, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स और इप्का लेबोरेटरीज जैसी कंपनियों के हैं.

दरअसल सितंबर के लिए अपनी मंथली ड्रग अलर्ट रिपोर्ट में 49 दवाओं के नमूनों में पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी-3 को नकली घोषित किया है. वहीं ऑक्सीटोसिन, मेट्रोनिडाजोल और फ्लुकोनाजोल को ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया है.

सीडीएससीओ ने की कार्रवाई

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा कि कम प्रभाव वाली दवाओं का प्रतिशत कम करने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है. उन्होंने कहा कि सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) द्वारा दवाओं की सतर्क कार्रवाई और निगरानी से कम प्रभाव वाली दवाओं के प्रतिशत में भारी कमी आती है.

तीन हजार नमूनों की जांच

रघुवंशी ने कहा कि टेस्ट किए गए लगभग तीन हजार नमूनों में से 49 दवाओं को वापस लेने के लिए कहा गया क्योंकि वो मानक के अनुरुप नहीं (एनएसक्यू) पाई गईं. कुल नमूनों में से केवल 1.5 प्रतिशत दवाएं कम प्रभावकारी पाई गईं. किसी विशिष्ट बैच की दवा के नमूने के गुणवत्ता मानकों पर खरे न उतरने का मतलब यह नहीं है कि उस नाम से बेची जाने वाली सभी दवाएं घटिया हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, केवल उस विशिष्ट बैच को मानक गुणवत्ता का नहीं माना जाता है.

दवाओं की क्वालिटी में कमी

केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने अपनी अगस्त की रिपोर्ट में 50 से अधिक दवाओं के नमूनों को लिस्टेड किया था, जिनमें पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी 3 और एंटी डायबिटिक ड्रग्स शामिल थीं, जिन्हें ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया था.

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