अल-जज़ीरा के बाद इजराइल के निशाने पर आया एक और न्यूज़ चैनल

अंतरराष्ट्रीय दबाव और आलोचनाओं के बाद भी इजराइल के लेबनान पर हमले जारी है. हिजबुल्लाह के ठिकानों के साथ-साथ इजराइल ने दर्जनों रेसिडेंशियल बिल्डिंगों को भी निशाना बनाया है. बुधवार शाम को इजराइली ने बेरूत में अल मायादीन न्यूज के एक कार्यालय को निशाना बनाकर हवाई हमला किया. चैनल ने लेबनान के खिलाफ इजराइली हमलों की शुरुआत में ही इमारत को खाली कर दिया था.

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजराइल के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक बच्चे सहित पांच लोग घायल हुए हैं. इजराइल गाजा में भी कई पत्रकारों को निशाना बना चुका है.

जंग के शुरुआती महीनों में ही इजराइल ने कतरी न्यूज चैनल अल-जजीरा के ऑफिस पर स्ट्राइक कर, उसको नष्ट कर दिया था. अब उसने लेबनानी न्यूज चैनल अल मायादीन पर हमले किए हैं. इजराइल ने देश में रिपोर्टिंग करने से अल-मायदीन पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है.

“संघर्ष में भी करते रहेंगे रिपोर्टिंग”

ऑफिस पर हुए हमले के बाद अल अल मायादीन ने इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है और हमले की निंदा की है. चैनल ने अपने बयान में कहा कि चल रहे संघर्षों के बीच भी हम सच्चाई की रिपोर्टिंग जारी रखेंगे.

हमले के बाद हमास नेता महमूद अल-मर्दावी ने अल मायादीन को दिए एक इंटरव्यू में कार्यालय पर हुए हमले की निंदा की और आउटलेट की गाजा जंग के दौरान रिपोर्टिंग की तारीफ की.

अल-मायदीन पर हमला क्यों?

अल मायादीन बेरूत शहर में स्थित एक लेबनानी पैन-अरब सैटेलाइट न्यूज़ चैनल है. इसकी शुरुआत 11 जून 2012 को हुई थी. इजराइली पक्ष इसको हिजबुल्लाह का माउथपीस भी कहता है. पिछले साल से जारी युद्ध में अल-मायदीन ने गाजा में जारी मानवीय संकट और इजराइल युद्ध अपराधों की रिपोर्टिंग की है, जिसके चलते इसके पत्रकार भी इजराइल के निशाने पर रहे हैं. 7 अक्टूबर के बाद से इजराइली हमलों में कम से कम 70 से ज्यादा जर्नालिस्ट मारे जा चुके हैं.

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