मणिपुर हिंसा मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट : में सुनवाई हुई। पहली बार मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर इसमें भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ पेश ऑडियो क्लिप पर फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है।
मुख्यमंत्री पर स्वयं हिंसा भड़काने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट में पेश कथित ऑडियो क्लिप के जरिए आरोप लगाया गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह खुद मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में शामिल थे। बार एंड बेंच के अनुसार, अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा, “मैंने टेप रिकॉर्डिंग की एक क्लिप पेश की है।” ट्रुथ लैब ने पुष्टि की है कि 93 प्रतिशत वोट मुख्यमंत्री को मिले हैं। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने लैब का नाम बताने के खिलाफ तर्क दिया और कहा कि एडवोकेट भूषण ने एफएसएल रिपोर्ट की तुलना में ट्रुथ लैब्स को अधिक विश्वसनीय पाया।
मुख्यमंत्री ने हथियारों की लूट की अनुमति दी।
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि ऑडियो क्लिप में मुख्यमंत्री खुद हथियारों की लूट की इजाजत दे रहे हैं। और बाद में हिंसा ने आक्रामक रूप ले लिया। जो स्पष्ट रूप से हिंसा भड़काने का संकेत देता है। इस मामले में सीएफएसएल की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
सीएफएसएल को छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ मणिपुर हिंसा मामले की सुनवाई कर रही है। यह रिट कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कथित टेपों की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘राज्य इस समय मुश्किल में है। हमें देखना होगा कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करे या हाई कोर्ट… मुझे ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता के बारे में भी नहीं पता। एफएसएल रिपोर्ट कब आएगी? यह रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करें। एफएसएल रिपोर्ट 24 मार्च को सीलबंद लिफाफे में जमा करें।’
200 से अधिक लोग मारे गये।
3 मई, 2023 को मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी। केंद्र ने राज्य में कई संवेदनशील स्थानों पर सैन्य बल तैनात किया है। हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। 2024 में पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता के सबूत पेश करने का आदेश दिया। इसके बाद कुकी संगठन ने ट्रुथ लैब रिपोर्ट जारी की। हालांकि, सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एफएसएल रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।