हिंदू धर्म में हर माह आने वाली चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। विशेष रूप से माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान गणेशजी के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं, दुखों का निवारण होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस वर्ष गणेश जयंती पर शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जिससे व्रत और पूजन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी।
गणेश जयंती 2025: तिथि और समय
- गणेश जयंती तिथि: 1 फरवरी 2025, शनिवार
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 1 फरवरी 2025 को सुबह 11:38 AM
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 2 फरवरी 2025 को सुबह 09:14 AM
गणेश जयंती पर शुभ योग
- परिघ योग: 1 फरवरी को दोपहर 12:25 PM तक
- शिव योग: संपूर्ण दिन
- रवि योग: 1 फरवरी को सुबह 07:09 AM से 2 फरवरी को सुबह 02:33 AM तक
- भद्राकाल: 1 फरवरी को रात 10:26 PM से 2 फरवरी को सुबह 07:09 AM तक (इस दौरान धार्मिक कार्य करने की मनाही होती है)
गणेश जयंती पर विशेष मंत्र
गणेश जयंती के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है—
- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा।
- ॐ एकदन्ताय विहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।
- ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद, सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
- ऊँ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्य हुं नमः फट।
- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लंबोदराय सकलाय जगद्धिताय।
- अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते, मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः।
- गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
- ऊँ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।
- श्री गणेशाय नमः।
- ऊँ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशने स्वाहा।
गणेश जयंती का महत्व
गणेश जयंती का पर्व भक्तों के लिए अत्यंत शुभ होता है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा, व्रत और मंत्र जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है, सभी विघ्न दूर होते हैं और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। विशेषकर जो लोग कर्ज़, आर्थिक तंगी या जीवन में लगातार आ रही परेशानियों से ग्रसित हैं, उन्हें गणेश जयंती के दिन गणपति मंत्रों का जाप और विशेष पूजा अवश्य करनी चाहिए।
गणपति बप्पा मोरया!