वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। छोटी-छोटी वास्तु संबंधी गलतियां घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकती हैं, जिससे परिवारिक कलह, मानसिक तनाव और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अगर घर में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष मौजूद है, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं मुख्यद्वार, किचन, बाथरूम और अन्य दिशाओं से जुड़े महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स।
मुख्य द्वार का सही वास्तु
घर का मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व, पूर्व या उत्तर दिशा में होना शुभ माना जाता है।
दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यदि मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो, तो वहां स्वास्तिक, “ॐ” या कलश का चिह्न लगाना शुभ होता है।
ईशान कोण को स्वच्छ और खुला रखें
घर का ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) हमेशा साफ-सुथरा और खुला होना चाहिए।
इस स्थान पर गंदगी और रुकावटें धन की कमी और मानसिक अशांति का कारण बन सकती हैं।
इस क्षेत्र में पौधे, पानी का कलश या छोटा सा फव्वारा रखना शुभ माना जाता है।
घर में बेकार वस्तुएं न रखें
टूटे-फूटे, बेकार और अनुपयोगी सामान घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स, टूटी घड़ियां, खराब बर्तन या फटी हुई चीजें घर में रखने से जीवन में बाधाएं और तनाव बढ़ता है।
घर में केवल आवश्यक और उपयोगी वस्तुएं रखें और समय-समय पर अनावश्यक चीजें हटा दें।
रसोई घर (किचन) का सही स्थान
वास्तु के अनुसार, किचन दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होना चाहिए।
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में किचन होने से स्वास्थ्य और पारिवारिक रिश्तों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
किचन में गैस चूल्हे को पूर्व दिशा में रखें ताकि खाना बनाते समय मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
टॉयलेट (शौचालय) का वास्तु
टॉयलेट का निर्माण पश्चिम या दक्षिण दिशा में करना शुभ होता है।
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में टॉयलेट होने से स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक हानि होती है।
यदि टॉयलेट गलत दिशा में बना हो, तो वहां कपूर या समुद्री नमक का प्रयोग करें और नियमित रूप से सफाई करें।
पूजाघर (मंदिर) का सही स्थान
उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में पूजाघर बनाना सबसे शुभ माना जाता है।
गलत दिशा में मंदिर होने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
मूर्तियों को दीवार से थोड़ा हटाकर रखें और पूजा स्थल को हमेशा स्वच्छ बनाए रखें।
किचन और बाथरूम का आमने-सामने होना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन और बाथरूम का आमने-सामने होना अशुभ माना जाता है।
इससे बचने के लिए दोनों के बीच पर्दा या विभाजक (Partition) लगाएं।
बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें ताकि उसकी नकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में न फैले।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए कुछ विशेष वास्तु टिप्स
मुख्य द्वार पर मंगलकारी चिह्न जैसे स्वास्तिक या “ॐ” बनाएं।
घर में नियमित रूप से कपूर और घी का दीपक जलाएं।
सुबह और शाम घर में शंख और घंटी बजाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाना अत्यंत शुभ होता है।
घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में जल का स्रोत (कुंभ, जल कलश या छोटा फव्वारा) रखना अच्छा माना जाता है।
वास्तु दोष दूर करें और घर में सुख-शांति बनाए रखें!
अगर आपके घर में वास्तु दोष है, तो इन सरल वास्तु उपायों को अपनाकर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और शांति ला सकते हैं। सही वास्तु संतुलन से परिवार में खुशहाली, आर्थिक उन्नति और मानसिक शांति बनी रहती है।
वास्तु के नियमों का पालन करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ाएं!