उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले महीने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच चल रही है। इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति गठित की गयी थी, जिसमें रविवार को इलाके का दौरा किया। आयोग के प्रमुख एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन ने कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद सहित शहर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
आयोग के तीसरे सदस्य पूर्व आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद रविवार के दौरे के दौरान मौजूद नहीं थे। अरोड़ा और जैन के साथ मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी, संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार भी थे।
संभल का दौरा पूरा होने के बाद अरविंद कुमार जैन ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जांच जारी रहेगी, यह दो महीने तक जारी रहेगी। बता दें, आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
#WATCH संभल, उत्तर प्रदेश: संभल हिंसा की जांच कर रही न्यायिक जांच समिति के सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP ए.के. जैन ने कहा, “जांच जारी रहेगी, यह दो महीने तक जारी रहेगी।” https://t.co/sbi9O5ejdC pic.twitter.com/arnQ4k6r3l
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2024
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आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या पिछली 24 नवंबर को हुई हिंसक झड़पें स्वतःस्फूर्त थीं या किसी सुनियोजित आपराधिक साजिश का हिस्सा थीं। इसके साथ ही स्थिति को संभालने में पुलिस और प्रशासन की तैयारियों की भी जांच होगी। आयोग हिंसा के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों का भी विश्लेषण करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों की सिफारिश करेगा।
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संभल में 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी और अनेक अन्य घायल हो गए थे। सर्वेक्षण का आदेश एक याचिका पर दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।