16वें बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने साउथ की कन्नड़ फिल्म उद्योग की कम उपस्थिति पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने इस कार्यक्रम में कन्नड़ फिल्म उद्योग के सदस्यों को कड़े शब्दों में संबोधित किया। शिवकुमार ने कहा, ‘आगे बढ़ते हुए, मैं चाहता हूं कि फिल्म चैंबर और अकादमी के सदस्य इसे चेतावनी या अनुरोध के रूप में लें। यह मेरा कार्यक्रम नहीं है यह आपका कार्यक्रम है। प्रायोजक भीमा ज्वेलरी वहीं बैठी है। क्या केवल 20 लोगों को इस सिनेमा की आवश्यकता है?’
इस दौरान कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने एक सख्त प्रतिक्रिया भी जारी की, जिसमें कहा गया, ‘यदि सरकार शूटिंग की अनुमति नहीं देती है, तो वे फिल्म नहीं बना सकते। वे शूटिंग जारी नहीं रख सकते। मुझे भी पता है कि कहां-कहां कसना है, कृपया इसे समझें।’ इस कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी मौजूद थे। जिसमें सिद्धारमैया ने घोषणा की कि कर्नाटक सरकार मैसूर में एक विश्व स्तरीय फिल्म सिटी स्थापित करेगी, जिसके लिए परियोजना के लिए 150 एकड़ भूमि पहले ही आवंटित की जा चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक अपार अवसरों की भूमि है। अपने फिल्म उद्योग को और मजबूत करने के लिए हम मैसूर में एक अत्याधुनिक फिल्म सिटी विकसित कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह सुविधा विश्व स्तरीय फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करेगी, जो मानवीय मूल्यों को उन्नत तकनीक के साथ सहजता से मिश्रित करती हैं।’ उन्होंने फिल्मों में अंधविश्वास और असंवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के खिलाफ भी चेतावनी दी और कहा, ‘सिनेमा को ज्ञानोदय का साधन होना चाहिए, न कि पतन का।’