दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु-नताल प्रांत के ड्रेकेंसबर्ग सेकेंडरी स्कूल में एक शिक्षक द्वारा हिंदू छात्र की कलाई से कलावा काटे जाने की घटना पर भारतीय समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। हिंदू संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कृत्य को असंवेदनशील और गैरजिम्मेदाराना बताया है।
शिक्षक के फैसले पर विवाद
शिक्षक का दावा था कि स्कूल में धार्मिक या सांस्कृतिक प्रतीकों को पहनने की अनुमति नहीं है, इसलिए छात्र के हाथ से कलावा काटा गया। इस पर दक्षिण अफ्रीकी हिंदू महासभा (SAHMS) ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कार्य धार्मिक आस्थाओं का अपमान है और शिक्षा अधिकारियों को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
SAHMS ने अपने रविवार के प्रेस बयान में कहा,
“शिक्षक द्वारा हिंदू छात्र के कलावे को काटना असहिष्णुता का प्रतीक है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और इसे अस्वीकार्य मानते हैं।”
सोशल मीडिया पर बढ़ा विरोध
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कई उपयोगकर्ताओं ने शिक्षक के इस कृत्य को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए उनसे माफी की मांग की।
जोहान्सबर्ग में हिंदू मंदिर का भव्य उद्घाटन
इस विवाद के बीच, दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS) द्वारा श्री स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का आधिकारिक उद्घाटन हुआ।
इस अवसर पर BAPS के वैश्विक आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया। इस भव्य समारोह में हजारों भक्तों ने भाग लिया और मंदिर को एक पवित्र उपासना स्थल के रूप में स्थापित किया गया।
मामले पर आगे की कार्रवाई का इंतजार
हिंदू समुदाय अब शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है, जबकि शिक्षा अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार है।