Saturday, July 12, 2025
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पश्चिम बंगाल: क्लासरूम में प्रोफेसर ने छात्र से की शादी? जानिए वायरल वीडियो की सच्चाई

Kolkata Professor Marriage

पश्चिम बंगाल से एक चौंकाने वाला और अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक महिला प्रोफेसर ने अपने ही छात्र से क्लासरूम के अंदर शादी कर ली। इस कथित शादी के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि दोनों हल्दी जैसी शादी की रस्में निभा रहे हैं, माला पहना रहे हैं और यहां तक कि सात फेरे भी ले रहे हैं।

घटना के चर्चा में आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन सतर्क हो गया है और इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

यह कथित घटना कोलकाता से करीब 150 किलोमीटर दूर नादिया जिले के हरिनघाटा टेक्नोलॉजी कॉलेज के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में हुई। यह कॉलेज मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (MAKAUT) के अंतर्गत आता है।

वीडियो में नजर आ रही महिला प्रोफेसर की पहचान पायल बनर्जी के रूप में हुई है, जो साइकोलॉजी विभाग में पढ़ाती हैं। वायरल वीडियो में वह दुल्हन की पोशाक में सजी हुई हैं और माला पहने हुए छात्र के साथ खड़ी हैं।

क्या यह असली शादी थी?

हालांकि, प्रोफेसर पायल बनर्जी ने इस शादी को सच्चाई मानने से इनकार किया और कहा कि—

“यह एक असली शादी नहीं थी, बल्कि यह क्लासरूम में पढ़ाई का एक हिस्सा था। यह एकेडमिक एक्सरसाइज थी, जिसे इंटरनल यूज के लिए किया गया था।”

लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद कॉलेज प्रशासन ने जांच के लिए तीन सदस्यों की एक टीम गठित की है और प्रोफेसर को छुट्टी पर भेज दिया गया है।

वायरल वीडियो में क्या दिखाया गया?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में—

  • एक वीडियो में छात्र को हल्दी की रस्म निभाते हुए दिखाया गया है।
  • दूसरे वीडियो में दोनों एक-दूसरे को माला पहनाते हुए नजर आ रहे हैं।
  • एक अन्य वीडियो में मोमबत्ती के चारों ओर सात फेरे लेने की झलक भी दिखाई दी।
  • छात्रा को अपने बालों में सिंदूर लगाते हुए और गुलाब का फूल देते हुए भी देखा गया।

यही नहीं, सोशल मीडिया पर यूनिवर्सिटी का एक कथित लेटरहेड भी वायरल हो गया है, जिसमें प्रोफेसर और छात्र के हस्ताक्षर हैं और उन्होंने एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया है। इस दस्तावेज़ पर तीन-तीन गवाहों के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं।

प्रोफेसर पायल बनर्जी का बयान: “यह मनोवैज्ञानिक नाटक था”

प्रोफेसर पायल बनर्जी ने इस पूरे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि—

“यह सिर्फ एक ‘मनोवैज्ञानिक नाटक’ था, जिसका इस्तेमाल मैं अपनी कक्षा में पढ़ाने के लिए करती हूं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी छवि को खराब करने के लिए यह वीडियो लीक किया गया है।

कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि—

  • “हम बिना उचित जांच के किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते।”
  • “हमने तीन सदस्यों की एक टीम गठित की है जो इस मामले की जांच कर रही है।”
  • “जांच पूरी होने तक प्रोफेसर पायल बनर्जी को छुट्टी पर भेज दिया गया है।”

कॉलेज के एक अधिकारी ने कहा कि अगर यह एकेडमिक एक्सरसाइज थी, तो इसकी अनुमति क्यों नहीं ली गई?

छात्रों और सोशल मीडिया पर कैसी प्रतिक्रिया?

  • कुछ लोग इसे एक अनोखा शिक्षण तरीका मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे अनुशासनहीनता करार दे रहे हैं।
  • सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं, “अगर यह केवल पढ़ाई का हिस्सा था, तो फिर विश्वविद्यालय के लेटरहेड पर हस्ताक्षर क्यों किए गए?”
  • कुछ छात्रों ने प्रोफेसर का समर्थन किया, तो वहीं कुछ ने सवाल उठाया कि क्या कक्षा के अंदर इस तरह की गतिविधि उचित है?

क्या हो सकता है अगला कदम?

अब सवाल उठ रहा है कि—

  • क्या यह सिर्फ एक शिक्षण तकनीक थी या कुछ और?
  • क्या प्रोफेसर के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होगी?
  • क्या कॉलेज प्रशासन इसे एक बड़ी अनुशासनहीनता मानेगा?

जांच के नतीजे आने के बाद ही इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी।

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