Saturday, May 24, 2025
spot_img
HomeUncategorizedपालीताणा-मुंबई ट्रेन में जीआरपी जवान का मोबाइल फोन चोरी

पालीताणा-मुंबई ट्रेन में जीआरपी जवान का मोबाइल फोन चोरी

Image 2025 02 04t104748.338

मुंबई – लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में मोबाइल चोरों द्वारा घुसकर मोबाइल फोन चुराने के कई मामले सामने आते रहते हैं। हालांकि, पालीताणा से मुंबई जा रहे जैन-गुजराती रेल यात्रियों को चलती ट्रेन से मोबाइल फोन चुराते हुए ड्यूटी पर तैनात रेलवे पुलिसकर्मी ने पकड़ लिया। यात्रियों के आरोप के अनुसार वह शराब पीकर ट्रेन में चढ़ा था। जैसे ही ट्रेन उधना स्टेशन पहुंची, उसने एसी कोच में सो रहे यात्रियों से महंगा मोबाइल फोन चुरा लिया और भाग गया। पर्यटकों ने दौड़कर पुलिस की वर्दी पहने जीआरपी पुलिसकर्मी को पकड़ लिया। जब उसके बैग की तलाशी ली गई तो उसमें तीन मोबाइल फोन और शराब की एक बोतल मिली। भावनगर से बांद्रा जाने वाली 12972 नंबर की मेल एक्सप्रेस का उपयोग ज्यादातर पालीताणा आने वाले पर्यटकों द्वारा किया जाता है। रविवार को पालीताणा से मुंबई आ रहे रेल यात्रियों को यात्रा का कड़वा अनुभव हुआ। बोरीवली का रहने वाला एक दाशी परिवार एसी बी-2 कोच में यात्रा कर रहा था।

भावनगर से रात को मुंबई के लिए निकली एक्सप्रेस सुबह करीब 3 से 4 बजे उधना स्टेशन पर पहुंच रही थी, तभी संजय पटेल नामक वर्दीधारी पुलिसकर्मी ने मौका पाकर एक मोबाइल फोन चुरा लिया। सीट नंबर 17 के पास। वह भाग गया। बोरीवली ईस्ट के ओवेरी पाडा में रहने वाले आईटी इंजीनियर अभिषेक दोशी, जिनका मोबाइल फोन चोरी हो गया था, ने ‘गुजरात समाचार’ को बताया कि ‘हम अपने परिवार के साथ पालीताणा गए थे।’ रात को सभी लोग बहुत नींद में थे और पुलिस की वर्दी पहने एक आदमी हमारी सीटों के आसपास घूम रहा था। अचानक, उसने तकिये के नीचे से फोन उठाया और पहला मौका पाते ही भाग गया। जब मेरी बहन ने उसे देखा तो उसने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह उसे धक्का देकर भाग गया। इसलिए जब हमने लाइट जलाई और देखा कि मोबाइल गायब है तो हम उसके पीछे भागे। चूंकि उसने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, इसलिए वह एसी कोच से एस-4 कोच में जाने में सक्षम हो गया। जब हमें कोच में टीसी मिला तो हमने उसे इसकी जानकारी दी और हम भी एस-4 कोच में पहुंच गए। हमने वहां वर्दी पहने व्यक्ति को पकड़ लिया और वहां मौजूद टीसी से उसका बैग चेक करने को कहा। जब उसका बैग खोला गया तो उसमें तीन मोबाइल फोन और शराब की बोतल मिली।

अभिषेक दाशी ने कहा कि यह पुलिसकर्मी नकली नहीं बल्कि असली पुलिसकर्मी था। उन्होंने कहा, “वह व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था और नशे में था।” उसने बी-5 से योगेश शाह नामक पर्यटक का मोबाइल फोन भी चुरा लिया। इसके अलावा उसने एक अन्य ट्रेन से भी मोबाइल फोन चुराया था। हमने सोचा कि यह फर्जी पुलिस बल है, लेकिन फिर पुलिस ने हमें बताया कि वह जीआरपी में कार्यरत है। यह सुनकर हमें बहुत आश्चर्य हुआ। अगर पुलिस सुरक्षा देने की बजाय चोरी करने लगे तो पर्यटकों का क्या होगा? एक तो पुलिस और दूसरा एसी कोच में चोरी और महंगे मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर लेना।

पालीताणा की तीर्थयात्रा से लौट रहे भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के मानद पशु कल्याण प्रतिनिधि मितेश जैन ने ‘गुजरात समाचार’ को बताया कि घटना के बाद हमने चोर को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। लेकिन, पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता और चोर दोनों को ट्रेन से उतरकर पुलिस स्टेशन आना होगा। जबकि शिकायतकर्ता मुंबई में रहता था और उसे काम के सिलसिले में ऑफिस जाना पड़ता था। लेकिन, जब पुलिस ने शिकायतकर्ता को भी नीचे उतरने को कहा, तो हम सभी ने चोर को वापस अपने हाथों में ले लिया। चोर के दोबारा पकड़े जाने के बाद 15 से अधिक रेलवे पुलिसकर्मी वापी स्टेशन पर पहुंचे और आरोपी तथा शिकायतकर्ता को नीचे ले जाने लगे। हालांकि, शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायत लिखित रूप में प्रस्तुत की तथा पीआरएन नंबर सहित अन्य जानकारी भी उपलब्ध कराई।

अहमदाबाद-मुंबई डिवीजन में टीसी के पद पर कार्यरत प्रेमचंद ने ‘गुजरात समाचार’ को बताया कि ‘यह मोबाइल चोर गुजरात जीआरपी में पुलिसकर्मी के पद पर कार्यरत है।’ वह नकली नहीं बल्कि असली पुलिसवाला था। वापी स्टेशन पर हमने उसे वहां पहुंची आरपीएफ और जीआरपी पुलिस को सौंप दिया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments