पीलीभीत: रेप पर पुलिस की कार्रवाई से परेशान होकर युवती ने खाया जहर, इलाज के दौरान हुई मौत
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में प्रेमी की बेवफाई से परेशान होकर एक युवती ने आत्महत्या कर ली. युवती ने अपने प्रेमी के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उसने प्रेमी के ऊपर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप लगाए थे. पुलिस ने मामले में जांच करके तीन महीने पहले आरोपी को निर्दोष मानते हुए एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. युवती इसी बात से काफी परेशान थी. घटना के बाद पुलिस ने युवती के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
पीलीभीत जिले के अमरिया थाना क्षेत्र में एक युवती ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है. युवती ने अपने प्रेमी पर आठ महीने पहले दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. युवती ने अपने प्रेमी पर आरोप लगाए थे कि उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार रेप किया था. युवती की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की शिकायत शुरू कर दी थी. पुलिस ने जांच के बाद तीन महीने पहले आरोपी को निर्दोष मानते हुए एक रिपोर्ट में पेश की थी.
परिवार ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
युवती की मौत पर परिवार का दावा है कि पुलिस निष्पक्ष होकर जांच करती तो, उनकी बेटी शायद यह कदम नहीं उठाती. मामले की जानकारी देते हुए पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अमरिया कस्बे की रहने वाली एक युवती बुधवार को जहर खाकर थाने पहुंची थी. हालत को बिगड़ता देख उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसकी बिगड़ती हालत को देखकर बरेली रेफर किया था. बरेली में इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई.पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि युवती प्रेमी के धोखे और उसकी शादी से नाराज थी. इसलिए उसने जहर खाया था.
अखिलेश यादव ने सरकार पर कसा तंज
इसी बीच पूरी घटना को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार की खूब आलोचना की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ऊपर-से-नीचे तक महा-भ्रष्टाचार में लिप्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज में पुलिस के भ्रष्ट और अमानवीय व्यवहार से दुखी होकर, महीनों की हताशा के बाद, दुष्कर्म की शिकार पीलीभीत की एक युवती का जहर खाकर आत्महत्या करना बेहद दुखद घटना है”
सपा प्रमुख ने की कार्रवाई की मांग
एक वीडियो का बात की करते हुए अखिलेश ने लिखा है कि युवती ने आरोपों के संबंध में एक वीडियो पुलिस को दी थी. आगे अखिलेश लिखते है कि अधिकारियों की बेईमानी और भाजपाइयों की हिस्सेदारी समस्या का मूल जड़ है. मामले की गहन जांच होनी चाहिए और जिसने भी मामले में घूस ली हो उस पर दंडात्मक कार्रवाई हो. अखिलेते लिखते है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने भ्रष्टाचार और हृदयहीन व्यवहार के लिए स्वयं निंदा-प्रस्ताव पारित करे. इसके साथ वह अपने ऊपर ही एक करोड़ का जुर्माना लगाए और मृतका के परिजनों पर ये संवेदना राशि दे.