महाराष्ट्र के पुणे के स्वारगेट डिपो में एक बस के अंदर एक महिला के साथ कथित बलात्कार की जांच के बीच, फरार आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग बढ़ती जा रही है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भी इसी तरह की मांग उठाई है। विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच, जिसने इस घटना की तुलना 2012 के दिल्ली निर्भया सामूहिक बलात्कार से की है, मामले को सुलझाने का पुरजोर प्रयास चल रहा है। पुलिस ने फरार आरोपी की सूचना देने पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
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पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे (37) को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया है, जो मंगलवार सुबह महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बस में हुई घटना के बाद से फरार है। पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि ‘निर्भया’ घटना के बाद कानूनों में बहुत सारे बदलाव किए गए, हालांकि, हम केवल कानून बनाकर ऐसी घटना को नहीं रोक सकते। चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज पर बड़ी जिम्मेदारी है और इसके अलावा कानूनों का क्रियान्वयन भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए बने कानूनों को सही ढंग से लागू किया जाना चाहिए। महिलाएं जहां भी जाएं उन्हें सुरक्षित महसूस करना चाहिए। जरूरी है कि ऐसे मामलों में उचित जांच, कड़ी कार्रवाई, त्वरित सुनवाई और सजा हो। क़ानून व्यवस्था और पुलिस की बड़ी ज़िम्मेदारी है। वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आरोपी अब भी फरार है और उसे बख्शा नहीं जाएगा। संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा कि अगर राज्य में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी की सरकार होती तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला नेता अब तक राज्य मुख्यालय मंत्रालय के बाहर हंगामा कर रही होतीं।
मंगलवार को पुणे के स्वारगेट बस अड्डे पर राज्य परिवहन की बस के अंदर 26 वर्षीय महिला के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया। आरोपी 37 वर्षीय हिस्ट्रीशीटर दत्तात्रेय रामदास गाडे को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। राउत ने महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता की भाजपा नीत सरकार की लाडकी बहिन योजना का जिक्र करते हुए पूछा, “हर महीने 1,500 रुपये देकर क्या आपने महिलाओं का आत्मसम्मान खरीद लिया है?”
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री अजित पवार से जवाब मांगना चाहिए जो पुणे के संरक्षक मंत्री भी हैं। शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, “यह दिल्ली के निर्भया कांड जैसा है। सौभाग्य से, महिला बच गई (इस मामले में)।” दिल्ली में 2012 में फिजियोथैरेपी की 23 वर्षीय छात्रा, जिसे बाद में ‘निर्भया’ कहा जाने लगा, के साथ दिल्ली में एक बस में सामूहिक बलात्कार किया गया।