Tuesday, July 15, 2025
spot_img
HomeUncategorizedप्रोक्योरमेंट प्रक्रिया के तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया के तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

C4ca4238a0b923820dcc509a6f75849b (16)

हरिद्वार, 28 नवंबर (हि.स.)। जिला मुख्यालय के विकास भवन स्थित सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अकांक्षा कोण्डे के निर्देशन में कम्यूनिटी बेस्ड प्रोक्योरमेंट (सीबीपी) का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना एवं समस्त जिला स्तरीय स्टाफ ने किया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक संगठनों और परियोजना कर्मचारियों को प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया के तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी प्रदान करना था, ताकि यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, कुशल और प्रभावी बन सके।

प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, समस्त विकासखंडों के ब्लॉक एमएंडई और एलसी एवं समस्त सीएलएफ के लेखाकारों ने हिस्सा लिया। इन प्रतिभागियों ने सामुदायिक स्तर पर प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने और इसे व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त किया।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया के विभिन्न चरणों की जानकारी दी गई। इसमें आवश्यकता निर्धारण, बजट योजना, निविदा दस्तावेज तैयार करना, बोली प्रक्रिया संचालित करना और अनुबंध निष्पादन के पहलुओं को विस्तार से समझाया गया। प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए किन-किन नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। विशेष रूप से ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली का उपयोग कैसे किया जाए और इससे जुड़े फायदे, जैसे लागत नियंत्रण और त्वरित क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई।

कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना था। प्रशिक्षण में जोर दिया गया कि कैसे क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) जैसी सामुदायिक संस्थाएं प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हो सकती हैं। महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि यह प्रक्रिया अधिक समावेशी बन सके।

प्रशिक्षण के दौरान सजीव उदाहरणों और केस स्टडी का उपयोग किया गया, जिससे प्रतिभागियों को प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप से समझने में मदद मिली। प्रतिभागियों ने समूह अभ्यास में भाग लिया और प्रोक्योरमेंट से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालने के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए। इस प्रकार, यह कार्यक्रम केवल एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि एक संवादात्मक सत्र भी साबित हुआ, जहां प्रतिभागियों ने आपसी विचारों का आदान-प्रदान किया।

इस प्रशिक्षण से प्रतिभागियों को कई लाभ प्राप्त हुए। सबसे पहले, उन्होंने प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया के तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं की गहरी समझ प्राप्त की। इसके अलावा, सामुदायिक संगठनों को सशक्त बनाने और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उपयोगी रणनीतियां सीखी गईं। प्रशिक्षण ने प्रतिभागियों को यह भी सिखाया कि कैसे वे प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया में सुधार करके इसे अधिक कुशल और प्रभावशाली बना सकते हैं।

कार्यक्रम के उपरांत, मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशानुसार, ब्लॉक स्तर पर भी इसी प्रकार की कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राम स्तर पर भी सामुदायिक संगठनों और अधिकारियों को प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया की बेहतर समझ हो। इस प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त सुझावों और प्रतिक्रियाओं को एक विस्तृत रिपोर्ट में संकलित किया जाएगा, जो भविष्य की रणनीतियों के निर्माण में सहायक होगी।

कम्यूनिटी बेस्ड प्रोक्योरमेंट प्रशिक्षण सामुदायिक विकास की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हुआ। यह न केवल सामुदायिक संगठनों और परियोजना कर्मचारियों को सशक्त बनाएगा, बल्कि उन्हें एक पारदर्शी और उत्तरदायी प्रणाली विकसित करने में भी मदद करेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments