बदलापुर एनकाउंटर: सिर पर गोली क्यों मारी? बॉम्बे हाई कोर्ट के वो 10 सवाल जिनमें फंस गई महाराष्ट्र पुलिस!
महाराष्ट्र के बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि सिर में गोली कैसे लगी और गोली चलाने वाला अधिकारी कौन था, साथ ही साथ कोर्ट ने इस एनकाउंटर में गड़बड़ी होने की बात कही है और कहा है कि ये एनकाउंटर नहीं है.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी. उसने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसे कुछ भी अप्रिय लगा तो वह कदम उठाने के लिए बाध्य हो जाएगा. कोर्ट के सवालों के बाद महाराष्ट्र पुलिस फंसती नजर आ रही है. इसके अलावा कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि मृतक के माता-पिता की सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित रखी जाए. कोर्ट अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को करेगा. आइए जानते हैं कि कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से क्या-क्या सवाल किए…
– बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि पिस्तौल अनलॉक कैसे हो गई? कोर्ट को बताया गया कि जब पुलिस अधिकारी गाड़ी में बैठा था तब पिस्तौल लॉक नहीं थी.
– कोर्ट ने कहा कि पूछा कि पिस्तौल कहां थी, जिस पर पुलिस ने जवाब दिया कि बाई ओर थी. कोर्ट का कहना है इस पर यकीन करना मुश्किल है.
‘एक कमजोर आदमी पर 4 पुलिसवाले काबू नहीं पा सके?’
– बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से पूछा, सिर पर गोली क्यों मारी गई? पुलिस को ट्रेनिंग मिली हुई है. उसे ठीक से पता है कि गोली कहां चलानी है. कोर्ट ने कहा कि हाथ या पैर में गोली मारी जा सकती थी.
– कोर्ट ने कहा कि घटना के समय चार पुलिसवाले मौजूद थे. कोर्ट ने पूछा कि कैसे संभव है कि एक कमजोर आदमी पर 4 पुलिसवाले काबू न पा सके.
– हाई कोर्ट ने कहा कि ये एनकाउंटर नहीं है. हमें पुलिस अधिकारी का चोट प्रमाण पत्र दिखाएं, क्या मानवाधिकार को कागजात भेजे गए हैं?
– उसने पुलिस को निर्देश दिया है कि फोरेंसिक से रिपोर्ट मंगवाकर पता लगाएं कि गोली कितनी दूरी से चलाई गई? सिर से गोली निकलने के बाद कहां गई? गोली किस जगह लगी?
गोली किसने चलाई? हाई कोर्ट पूछा
– कोर्ट ने पूछा, गोली चलाने वाला पुलिस अधिकारी 1992 बैच का है? क्या उस घटना से जुड़ा कोई पुलिस अधिकारी यहां मौजूद है? पुलिस ने कहा कि कहा अभी सीआईडी का एसीपी स्तर का अधिकारी मामले की जांच कर रहा है.
– उसने सवाल किया कि फोरेंसिक से रिपोर्ट मंगवाकर पता लगाएं कि गोली कितनी दूरी से चलाई गई, सिर से गोली निकलने के बाद वह कहां गई?
– पुलिस से पूछा, क्या हथियार प्रक्रिया के तहत जब्त किए गए हैं? अब वे कहां हैं? इस पर सरकारी के वकील ने कहा कि 24 सितंबर को जब्त किए गए हैं और फोरेंसिक को भेजे गए हैं.
– कोर्ट ने पूछा, हमें दिखाओ कि हाथ धोने का काम किसकी मौजूदगी में किया गया था? क्या छेड़छाड़ से बचने के लिए अपराध स्थल को सील कर दिया गया है? पुलिस ने कहा कि जेजे अस्पताल में हाथ धोने का काम किया गया था और अपराध स्थल को सील कर दिया गया है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी पुलिसकर्मियों के हाथ धोने और उनके फिंगरप्रिंट लें.
गोली बिल्कुल नजदीक से मारी गई है- हाई कोर्ट
वहीं, अक्षय शिंदे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को देखा है. उसने कहा कि गोली लगने के अलावा, गोली बिल्कुल नजदीक से मारी गई है और अन्य चोटें और खरोंचें भी हैं. कोर्ट ने मृतक के माता-पिता की सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित रखने को कहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़ित के माता-पिता का कहना है कि घटना के दिन अक्षय शिंदे से उनकी मुलाकात हुई थी. कोर्ट ने पुलिस से कहा कि आप ने जो समय बताया वो समय आरोपी के वकील से मेल नहीं खाता है. अक्षय शिंद के वकील ने कोर्ट से कहा कि अक्षय शिंदे को जलाने के लिए जगह नहीं मिल रही है.