Wednesday, March 26, 2025
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बिहार विधानमंडल का बजट सत्र शुरू, राज्यपाल ने नीतीश के शासन की सराहना की

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को कहा कि 24 नवंबर 2005 को नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से राज्य में ‘‘कानून का शासन’’ कायम है और ‘‘निरंतर विकास’’ हो रहा है।
बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल ने 30 मिनट के अपने पारंपरिक अभिभाषण में इस तिथि का दो बार प्रमुखता से उल्लेख किया।

खान ने यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के विधायकों की नारेबाजी के बीच कही, जो अमेरिका से वापस भेजे गए अवैध प्रवासी भारतीयों के साथ किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में हथकड़ी और जंजीर पहनकर विधानसभा परिसर पहुंचे थे।

राज्यपाल को हंगामा कर रहे सदस्यों को फटकार लगाते देखा गया। साथ ही खान ने कहा, ‘‘आपका विरोध दर्ज हो चुका है। अब आप कृपया मुझे मेरी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने दें। उन्होंने 24 नवंबर 2005 का जिक्र नीतीश कुमार सरकार के समग्र प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए अभिभाषण की शुरुआत में किया। उन्होंने यह तिथि उस समय दोहराई जब वह पुलिस बल में बड़े पैमाने पर भर्तियों, विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी बढ़ने को रेखांकित कर रहे थे।

जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे कुमार साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर लगातार पांचवीं बार इस पद पर काबिज होने की उम्मीद कर रहे हैं।

हालांकि, भाकपा (एमएल) लिबरेशन, जो विपक्षी राजद-कांग्रेस गठबंधन में सहयोगी है, ने बाद में एक बयान में राज्यपाल के अभिभाषण को ‘‘झूठ का पुलिंदा…राज्य में जद (यू)-भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाने वाला’’ अभिभाषण बताया।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में पांच वर्षीय ‘‘रोडमैप’’ के माध्यम से प्रदेश के कृषि क्षेत्र में हुए सुधार और नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किये गए व्यापक सुधारों को भी रेखांकित किया।

उन्होंने सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया, जिसमें कब्रिस्तानों की घेराबंदी और राज्य धार्मिक ट्रस्ट बोर्ड के तहत 60 साल या उससे पहले पंजीकृत हिंदू मंदिरों के लिए चारदीवारी बनाने जैसे कदमों को रेखांकित किया।

राज्यपाल के अभिभाषण में“9.35 लाख सरकारी नौकरियों के सृजन” की बात कही गई और वादा किया गया कि “इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कुल संख्या बढ़कर 12 लाख हो जाएगी।
महिला सशक्तीकरण, जिसे नीतीश कुमार राज्य में अपनी मुख्य उपलब्धियों में से एक मानते हैं, का भी राज्यपाल के भाषण में प्रमुखता से उल्लेख किया गया।

उन्होंने कहा कि 2007 में घोषित नागरिक निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ 2013 में पुलिस भर्ती में और 2016 से सभी सरकारी विभागों में 35 प्रतिशत कोटा लाया गया।
राज्यपाल के अभिभाषण का समापन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट में बिहार को दी गई उदार सहायता जिसमें मखाना बोर्ड की स्थापना, नए हवाई अड्डों, बाढ़ प्रभावित कोसी क्षेत्र में नहर के लिए आर्थिक सहायता और आईआईटी, पटना के विस्तार जैसी घोषणाएँ की गईं, के लिए केंद्र को धन्यवाद देने के साथ हुआ।

बिहार विधानमंडल के केंद्रीय कक्ष में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा और विधान परिषद सदस्य अपने-अपने सदन में चले गए। दोनों सदनों में, दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

विधानसभा में, विपक्षी विधायकों द्वारा ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ के नारे लगाये जाने के बीच, उपमुख्यमंत्री एवं वित्त विभाग का भी प्रभार संभाल रहे सम्राट चौधरी ने राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।
विपक्षी सदस्य इस बात से नाराज दिखे कि पिछले साल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए नेताओं को सत्ता पक्ष के करीब बैठने की अनुमति दी गई।

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