Sunday, April 27, 2025
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मझवां विधानसभा में सपा को अब तक नहीं मिला जीत का स्वाद,बाधा तोड़ने की चुनौती

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वाराणसी,18 नवम्बर (हि.स.)। मीरजापुर के मझवां विधानसभा उपचुनाव में सोमवार शाम को चुनाव प्रचार अभियान थम गया। चुनाव में मतदान के एक दिन पूर्व मंगलवार को प्रत्याशियों के साथ उनके पार्टी के पदाधिकारियों और समर्थकों ने घर—घर दस्तक देने के साथ पर्ची पहुंचाने पर पूरा जोर दिया है। चुनाव में भाजपा और सपा के बीच ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।

चुनावी जंग में समाजवादी पार्टी (सपा) से डॉ. ज्योति बिन्द, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सुचिस्मिता मौर्य और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से दीपक तिवारी ‘दीपू’ है। लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने के लिए बसपा उम्मीदवार दीपक तिवारी ने भी पूरी कोशिश की है। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सक्रिय न होने के चलते लड़ाई में दिख नही रहे हैं । वहीं,सपा और भाजपा की उम्मीदवार के लिए दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने भी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार किया है। चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के साख की भी परीक्षा होगी। 20 नवम्बर को होने वाले उपचुनाव में कुल 3,99,259 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसमें 1,88,136 महिलाएं और 2,11,105 पुरूष मतदाता है। 20 नवंबर को मझवां विधानसभा के 442 बूथाें पर मतदान होगा। पोलिंग पार्टियों की रवानगी राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज से 19 नवंबर को होगी। 20 नवंबर को मतदान के बाद मतगणना 23 नवंबर को होगी। चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने भी पूरी तैयारी की है।

—पुलिस अधीक्षक ने फोर्स को किया ब्रीफ

विधानसभा उपचुनाव के लिए मीरजापुर पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी मीरजापुर प्रियंका निरंजन ने पुलिस लाइन मैदान में फोर्स को ब्रीफ किया। दोनों अफसरों ने चुनाव को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए चुनाव प्रक्रिया में लगे पुलिस/प्रशासनिक/अर्धसैनिक बल के अफसरों और जवानों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में ब्रीफिंग के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता का अनुपालन पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार दायित्वों का पालन करें। अपने ड्यूटी प्वाइंट/मतदान स्थल पर सतर्कता बरतते हुए कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर मतदान को निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराने में योगदान दे। निर्वाचन मतदान डयूटी एक अति महत्वपूर्ण ड्यूटी है इसमे किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये ।

—भाजपा की उम्मीदवार वर्ष 2017 में इस सीट ​को फतह कर चुकी है

मझवां विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की उम्मीदवार सुचिस्मिता मौर्य 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर फतह हासिल कर चुकी है। मझवां सीट के इतिहास की बात करें तो 1952 से अब तक इस सीट पर सबसे अधिक आठ बार कांग्रेस, पांच बार बसपा और दो बार भाजपा जीत चुकी है। सपा यह सीट कभी जीत नहीं पाई है। इस चुनाव में पार्टी के मुखिया अखिलेश ने इस ​बाधा से उबरने के लिए बड़ा दांव लगाया है। जातिगत समीकरण को ध्यान में रख कर उन्होंने डॉ ज्योति बिंद को चुनावी समर में उतारा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से निषाद पार्टी के डॉ विनोद बिंद जीते थे। डॉ विनोद बिंद को तब 103,235 मत मिला था। दूसरे स्थान पर सपा के रोहित शुक्ला रहे। उन्हें 69,648 वोट मिला था। डॉ विनोद बिंद के भदोही से सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त हुई । वहीं,भदोही से 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर सपा से मिर्जापुर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रमेश बिंद की बेटी ज्‍योति बिंद के सामने पिता की विरासत को बचाने की चुनौती है।

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