तृणमूल कांग्रेस की विस्तारित संगठनात्मक बैठक गुरुवार हुई, जहां पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति का खाका तैयार किया गया। इस दौरान ममता बनर्जी ने भाजपा पर जमकर वार किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक निर्वाचन आयोग निष्पक्ष नहीं होगा, तब तक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। उन्होंने हुकांर भरते हुए कहा कि हम उन फर्जी मतदाताओं की पहचान करेंगे, जिन्हें भाजपा की मदद से पंजीकृत किया गया है।
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ज्ञानेश कुमार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने पर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हम बाहरी लोगों को बंगाल पर कब्जा नहीं करने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हरियाणा, गुजरात के नकली मतदाताओं का नामांकन कराकर दिल्ली और महाराष्ट्र में चुनाव जीते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं को हटाने की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग कार्यालय के समक्ष धरना देंगे।
एक अन्य घटनाक्रम में, टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ उनके मतभेद हैं, और उनके प्रति अपनी वफादारी की पुष्टि की। उन्होंने कोलकाता में एक पार्टी सम्मेलन में कहा, ”मैं टीएमसी का एक वफादार सिपाही हूं और मेरी नेता ममता बनर्जी हैं।” उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “जो लोग कह रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं, वे अफवाह फैला रहे हैं।”
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उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों को जानता हूं जो ऐसी फर्जी खबरें फैला रहे हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उनके निहित स्वार्थ हैं।” डायमंड हार्बर सांसद ने यह भी कहा कि वह “पार्टी के भीतर गद्दारों को बेनकाब करना जारी रखेंगे, जैसा कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान किया था”।