प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर तान्या मित्तल ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि पहली भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत के कुछ घंटों बाद, एक और भगदड़ हुई, जिसमें और भी लोगों की जान चली गई।
यूपी टूरिज्म प्रमोटर तान्या मित्तल ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो और मीडिया इंटरव्यूज में बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते हुए देखा।
“बच्चों को बचाने गई थी, लेकिन खुद भगदड़ में फंस गई”
तान्या मित्तल ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि दूसरी भगदड़ के दौरान वह खुद भी फंस गई थीं।
उन्होंने कहा:
“कल रात प्रयागराज में भगदड़ मची। हम लोग एक ऊंचे पॉइंट पर थे, तभी अचानक बच्चों के चीखने की आवाज सुनाई दी। हमारी टीम ने तय किया कि हम बच्चों को अपने रूम पर लेकर आएंगे।”
लेकिन जब वे नीचे पहुंचीं, तो स्थिति बेकाबू हो गई। तान्या ने भावुक होते हुए कहा:
“मैं खुद भगदड़ में फंस गई। एक पल के लिए मेरी सांस रुक गई थी। न कुछ दिख रहा था, न कुछ समझ आ रहा था। मुझे लगा कि यह मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। तभी हल्दीराम का स्टोर दिखा और हमने किसी तरह बच्चों को वहां तक खींचकर सुरक्षित पहुंचाया। जो देखा, उससे मैं शॉक्ड रह गई।”
“पहली भगदड़ के बाद, कुछ ही घंटों में दूसरी घटना हुई”
इससे पहले तान्या मित्तल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ कर रही थीं। लेकिन इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने दूसरी भगदड़ का जिक्र करते हुए बड़ा दावा किया।
तान्या ने कहा:
“मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संगम नोज के पास भगदड़ की जो घटना रिपोर्ट की गई थी, उसके कुछ ही घंटों बाद करीब 2 किलोमीटर दूर झूसी में एक और दुखद हादसा हुआ।”
उन्होंने आगे लिखा:
“इस दूसरी भगदड़ में भी कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मदद पहुंचने से पहले कई पीड़ित घंटों तक अकेले तड़पते रहे। भविष्य में बेहतर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए इस घटना को स्वीकार करना और इस पर ध्यान देना जरूरी है।”
प्रशासन पर उठे सवाल, सुरक्षा व्यवस्था पर होगी जांच?
तान्या मित्तल के इस दावे के बाद महाकुंभ में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन ने अभी तक दूसरी भगदड़ की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर तान्या के वीडियो वायरल हो चुके हैं।
अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और क्या इन घटनाओं की कोई जांच होगी?