योगी सरकार का बड़ा फैसला, उद्यमियों को नहीं देना होगा दोहरा टैक्स, सभी सुविधाओं का विकास करेगा UPSIDA

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उद्यमियों के लिए बड़ा फैसला किया है. प्रदेश में अब 154 औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इंडस्ट्रीज को नगर निगम और यूपीसीडा दोनों को अलग-अलग टैक्स नहीं देना होगा. इंडस्ट्रियल एरिया के तहत आने वाले उद्योगों को केवल यूपीसीडा को मेंटनेंस चार्ज देना होगा. मंगलवार को कैबिनेट में बाइसर्कुलेशन औद्योगिक विकास विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इस मंजूरी से उद्योगों को सालाना नगर निगम को दिए जाने वाले टैक्स के रूप में हर साल लाखों रुपये की बचत होगी. अभी तक ये व्यवस्था नोएडा प्राधिकरण में लागू है. मंगलवार को कैबिनेट ने इसी के साथ कुल 9 प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

यूपीसीडा की होगी मेंटेनेंस की जिम्मेदारी

इस फैसले के लागू होने के बाद औद्योगिक क्षेत्रों के रख-रखाव, सड़क निर्माण और संबंधित सेवाएं देने के लिए यूपीसीडा जिम्मेदार होगा. अभी तक नगर निगम और यूपीसीडा दोनों की अलग-अलग जिम्मेदारी होने के चलते औद्योगिक क्षेत्रों का मेंटनेंस नहीं हो पाता था. दोनों विभाग एक-दूसरे के ऊपर दोषारोपण करते थे. इंडस्ट्री विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस फैसले से औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और रख-रखाव दोनों बेहतर तरीके से हो सकेगा.

लंबे समय से उद्यमी उठा रहे थे मांग

प्रदेश भर के उद्यमी इस दोहरी टैक्स प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर अलग-अलग औद्योगिक संगठनों ने इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया था. कैबिनेट बैठक में कुल 9 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है.

शहरी निकायों में कैडर रिव्यू को मंजूरी, बढ़ेंगे पद

कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में मंगलवार को शहरी निकायों में केंद्रीय सेवा के पदों के कैडर रिव्यू को मंजूरी दे दी गई है. इस कैडर रिव्यू के बाद अब शहरी निकायों में मौजूदा जरूरत के मुताबिक पद बढ़ाए जाएंगे.

छोटे शहरी निकायों यानी नगर पंचायतों और नगर पालिका परिषदों में अबतक कम पद थे, जबकि काम की जरूरत के मुताबिक वहां पर ज्यादा पदों पर तैनाती की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. इसके संबंध में विभाग ने कैडर रिव्यू का प्रस्ताव तैयार किया था. इस प्रस्ताव को 15 मार्च को विभागीय कर्मचारियों के बीच जारी किया गया था और उनसे एक महीने में आपत्तियां मांगी गई थीं.

जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित कैडर रिव्यू में कोई बड़ी आपत्ति विभाग को नहीं मिली थी. मंगलवार को आपत्तियों के निपटारे के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाया गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है. शहरी निकायों की आबादी के मुताबिक जरूरी पदों का सृजन किया जाएगा. मसलन, अबतक नगर पंचायतों में केवल अधिशासी अधिकारी (ईओ) ही केंद्रीयत सेवा के होते थे. जबकि अब बदली हुई व्यवस्था के मुताबिक वित्तीय सेवा के पद भी यहां सृजित होंगे.

दूसरी तरफ नगर पालिका परिषदों में आबादी के मुताबिक हॉटिकल्चर और अन्य विभागों के लिए भी पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है. वहीं, सफाई निरीक्षकों के साथ ही अब पर्यावरण अधिकारी, वरिष्ठ पर्यावरण अधिकारी, स्वच्छता अधिकारी आदि पदों के सृजन और उन पर तैनाती की मंजूरी दी गई है.

48 घंटे में किसानों की धान खरीद का होगा भुगतान

कैबिनेट ने धान खरीद को मंजूरी दे दी है. इस नीति के तहत किसानों को धान खरीद के 48 घंटे के भीतर ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा. इस नीति में धान खरीद के लिए एजेंसियां तय की गई हैं. साथ ही चार हजार से अधिक क्रय केन्द्र खोलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होनी है. वहीं प्रदेश के बाकी हिस्से में धान खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी. इस साल 70 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है.

इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी

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