योगी सरकार की रडार पर बहराइच के 495 मदरसे, ATS करेगी जांच

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच एटीएस से कराई जाएगी. शासन ने मदरसों की जांच को लेकर पत्र जारी किया है. जिले में 792 में से 495 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए हैं. इन मदरसों की फंडिंग कहा से की जा रही थी, इसकी जांच कराई जाएगी. इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जिलाधिकारी से बात की है. डीएम के आदेश पर आगे की कार्रवाई शुरू होगी.

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिंग की जांच के आदेश का पत्र शासन द्वारा भेज दिया गया है. जानकारी मिलने पर मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. एटीएस द्वारा जल्द इन मदरसों की जांच किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. बहराइच जिला नेपाल की सीमा पर लगता है. यहां के अवैध मदरसों पर सरकार की नजर बनी हुई है. एक साल पहले कराए गए सत्यापन में जिले के 491 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए थे.

मिले थे गैर मान्यता प्राप्त मदरसे

बहराइच जिले की तहसीलों में इन मदरसों की जांच जिम्मेदारी एसडीएम के नेतृत्व में बनी टीम द्वारा किया गया था. जिले की महसी, पयागपुर, कैसरगंज, नानपारा और मिहींपुरवा क्षेत्र में आने वाले मदरसे भी शामिल थे. इस बीच टीम को कई मदरसे 30 सालों से ज्यादा पुराने मिले. ये सभी गैर मान्यता प्राप्त थे और चल रहे थे. जब इन मदरसों की फडिंग की जांच की गई तो मदरसा संचालकों ने इसे आवाम से मिलने वाले चंदे से चलने की बात कही थी.

इसके बाद गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई थी. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा ने 21 अक्टूबर को बहराइच जिला मुख्यालय को पत्र भेज कर बताया है कि एटीएस के एडीजी ने पत्र भेजते हुए सूची उपलब्ध कराई है.

कोर्ट ने लगाई राज्य सरकार को फटकार

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने बहराइच जिले में ध्वस्तीकरण के नोटिस मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. सरकार ने रविवार को दिए गए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अब तक विस्तृत जवाब नहीं दाखिल किया, इसको लेकर बुधवार को राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. पीठ ने इस बात पर नाराजगी जताई क्या राज्य के अधिकारी आदेश की भावना को नहीं समझ पाए.

लखनऊ पीठ का मानना था कि उसने मुख्य स्थायी अधिवक्ता (CSC) शैलेंद्र सिंह से सड़क पर लागू होने वाली श्रेणी और मानदंडों के बारे में सभी निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा था, लेकिन जनहित याचिका की सुनवाई योग्यता पर आपत्ति जताई जा रही है. पीठ ने सीएससी को अदालत की रजिस्ट्री में जनहित याचिका की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) पर आपत्ति दर्ज करने को कहा और सुनवाई चार नवंबर तक टाल दी.

सपा नेत्री को बहराइच जाने से पुलिस ने रोका

इधर, बहराइच के महाराजगंज में हुई हिंसा के बाद कस्बे में जनजीवन पटरी पर लौटता दिख रहा है. गुरुवार को महाराजगंज जा रही सपा नेत्री व मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा को पुलिस ने रोक दिया. उन्हें लखनऊ हाइवे स्थित फखरपुर थाने की पुलिस ने रोक दिया. वह महाराजंग के हिंसा प्रभावित इलाकों में जा रही थीं. पुलिस द्वारा रोकने पर सुमैया राणा ने तंज कसते हुए कहा कि इतनी सक्रियता उस दिन (हिंसा वाले दिन) दिखाई होती तो हिंसा न होती. पुलिस ने सुरक्षा और सूचना न होने का हवाला देते हुए सुमैया को वापस लौटा दिया.

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