
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करना चाहता है। सत्ता संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प से यदि किसी विदेशी मेहमान ने पहली बार मुलाकात की तो वे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू थे। उनके साथ एक-एक बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका वहां कब्जा करेगा और बसेगा। इससे अमेरिका वहां सक्रिय हो जाएगा और वहां मौजूद न फटे बमों और खतरनाक हथियारों को ढूंढकर हटा देगा।
नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “पहले हम वहां ढही इमारतों को हटाएंगे, फिर उस क्षेत्र का विकास करेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में किसी ने गाजा या यहां तक कि मध्य पूर्व पर भी ध्यान नहीं दिया। केवल अक्षमता ही दर्शाई गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, “पहले, मैंने दो-राज्य सिद्धांत को स्वीकार किया था।” वह फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्वीकार करने के लिए भी तैयार थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। अब वहां से फिलीस्तीनियों को हटाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। मिस्र या जॉर्डन फिलिस्तीनियों को स्वीकार करेंगे। कई लोग मानते हैं कि वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि वे इसे स्वीकार करेंगे।
ट्रम्प के बयान के आधार पर विश्लेषकों का कहना है कि वास्तव में अमेरिका इसका इस्तेमाल गाजा पट्टी से अरबों को हटाने और सिनाई प्रायद्वीप में जाने के लिए एक आधार के रूप में करना चाहता है। हमने जो उम्मीद की थी वही हो रहा है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अब भी 2020 में उन्हें सुझाए गए दो-राष्ट्र सिद्धांत को स्वीकार्य मानते हैं? और आप अभी भी एक स्वतंत्र फिलिस्तीन को स्वीकार करते हैं? पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, “मेरे पद छोड़ने (2020) के बाद से कई मौतें हुई हैं।” अब मैं पुनः राष्ट्रपति पद पर आ गया हूं। अब हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह पूरी तरह से अलग है। कुछ हद तक यह अच्छा है, कुछ हद तक यह बुरा भी है। हम एक जटिल स्थिति में हैं जिसका समाधान करना कठिन है, लेकिन हमें इसका समाधान करना ही होगा।

