दक्षिण भारत का आसमान इस हफ्ते कुछ अलग ही नजारा पेश कर रहा है। भारतीय वायुसेना के तेजतर्रार लड़ाकू विमान जब अमेरिकी बी वन बी लैंसर बमबर के साथ उड़ान भरते दिखे तो यह सिर्फ एक सैन अभ्यास नहीं था। यह भारत और अमेरिका की बढ़ती साझेदारी का एक सबूत भी था। 10 से 13 नवंबर तक चले इस 4 दिन के बटरल एयर एक्सरसाइज में दोनों देशों की वायु सेनाएं एक साथ मिशन प्लानिंग, एयर कॉम्बैट, स्ट्राइक पैकेज कोऑर्डिनेशन और तमाम तरह के अभ्यास करते दिखी। इस ड्रिल में अमेरिका की तरफ से B1B लैंसर लाया गया। एक सुपरसोनिक बमबर जिसे दुनिया बून के नाम से जानती है और दूसरी तरफ भारत की तरफ से मोर्चा संभाल रहे थे। सुखोई 30 और मिराज 2000 जैसे दिग्गज फाइटर जेट्स। बी1बी लेंसर के साथ भारतीय लड़ाकू विमानों का यह ड्रिल।
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सुखोई और मिराज ने B1B को स्कॉट किया। यह दृश्य हमें रोज देखने को नहीं मिलता। देखिए अमेरिकी वायुसेना का B1B लेंसर एक सुपरसोनिक लॉन्ग रेंज हैवी पेलोड बॉम्बर है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह लंबी दूरी तय कर सकता है। तेजी से उड़ सकता है और बहुत भारी मात्रा में हथियार ले जा सकता है। अमेरिका के बेहद शक्तिशाली हथियारों में से एक यह माना जाता है। और अगर इसकी खूबियों को देखें तो इसकी टॉप स्पीड लगभग मैक 1 2 यानी आवास की गति से भी तेज।
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक सैन्य विस्तार ने क्वाड राष्ट्रों, भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया, को पहले से कहीं अधिक करीब ला दिया है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय वायु सेना के साथ यह संयुक्त अभ्यास केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं है; यह क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित दो लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक विश्वास का प्रतीक है। यह सुपरसोनिक बमवर्षक विमान दोनों वायु सेनाओं को एक-दूसरे की रणनीतियों, तकनीकों और परिचालन प्रक्रियाओं को पहले से कहीं अधिक बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाएगा, जिससे भविष्य के किसी भी संकट के लिए महत्वपूर्ण अंतर-संचालन क्षमता का निर्माण होगा।
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बी-1बी लांसर को ‘आसमान का बेताज बादशाह’
बी-1बी लांसर 1985 से अमेरिकी वायु सेना की मारक क्षमता की रीढ़ रहा है। मूल रूप से परमाणु अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया, इस घातक मशीन को 1990 के दशक में पारंपरिक हथियारों के संचालन के लिए परिवर्तित किया गया और यह अपनी श्रेणी का सबसे तेज़ और बहुमुखी बमवर्षक बना हुआ है। यह विमान मैक 1.25, लगभग 1,500 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरता है, और एक ही ईंधन टैंक पर 12,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करता है, बिना ईंधन भरे दुनिया के किसी भी कोने तक पहुँच सकता है। इसकी 34 टन की हथियार पेलोड क्षमता बेजोड़ है, जो पारंपरिक बमों से लेकर सटीक-निर्देशित मिसाइलों तक, सब कुछ ले जा सकता है।
Exercise #Garuda25:
An Indian Air Force contingent has landed at Mont-de-Marsan Air Base, France, to participate in the bilateral air exercise with the French Air and Space Force from 16–27 Nov 25.Su-30 MKI aircraft of the IAF and Rafale fighters of the FASF will engage in a… pic.twitter.com/60PKnE8f05
— Indian Air Force (@IAF_MCC) November 13, 2025

