नई दिल्ली। एक ऐतिहासिक पहल के तहत अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) ने आज पूरे देश में पांच लाख से अधिक स्कूलों में “हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान” अभियान का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देशभर के लाखों छात्र और लाखों शिक्षक एक साथ पांच सूत्रीय संकल्प पढ़कर शिक्षा, नैतिक मूल्यों और राष्ट्रनिर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह अभियान ABRSM की व्यापक दृष्टि “हमारा विद्यालय – हमारा तीर्थ” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर स्कूल में गर्व, अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना जगाना है।
दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में ABRSM की राष्ट्रीय महामंत्री गीता भट्ट ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान अभियान का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों में गर्व, जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों की भावना को प्रोत्साहित करना है। शिक्षा केवल ज्ञान देने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्रनिर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का साधन भी है।” उन्होंने आगे कहा, “इस पांच सूत्रीय संकल्प में स्कूलों को स्वच्छ, अनुशासित और प्रेरणादायक बनाए रखने, स्कूल संसाधनों को राष्ट्रीय संपदा मानने, समानता और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने, शिक्षा को चरित्र निर्माण और समाज सेवा का माध्यम मानने तथा स्कूल को सेवा, मूल्य और उत्कृष्टता का तीर्थ मानने का संदेश दिया गया है।”
इस अभियान में कठिन मौसम के बावजूद शिक्षकों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुछ राज्यों, जैसे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम के कारण संकल्प नहीं लिया जा सका, जबकि अन्य कई राज्यों में बारिश और कठिन मौसम के बावजूद छात्रों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक संकल्प लिया, जो उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गीता भट्ट ने कहा, “कुछ राज्यों में बारिश और कठिन परिस्थितियों के बावजूद छात्रों और शिक्षकों का उत्साह और समर्पण अत्यंत प्रेरणादायक रहा। हर स्कूल को सीखने और सेवा का पवित्र स्थल मानकर हम देशभर में अनुशासन, समानता और समग्र विकास के मूल्यों को मजबूत करना चाहते हैं।”
ABRSM के इस ऐतिहासिक अभियान में प्रमुख व्यक्तित्वों और नेताओं ने भी भाग लिया और छात्रों एवं शिक्षकों के साथ बहुभाषी भाषाओं में संकल्प लिया, जिससे भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिली। निजी स्कूलों में भी इस अभियान को व्यापक प्रतिक्रिया मिली, जो इसकी समावेशी प्रकृति को दर्शाता है।
यह राष्ट्रीय संकल्प स्वतंत्र भारत में शिक्षा के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी पहल में से एक है, जो यह बताता है कि स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्रीय गौरव का आधार हैं। ABRSM ने सभी शिक्षकों और छात्रों से अपील की है कि वे इस पहल को आगे बढ़ाएं और हर स्कूल को मूल्यों, संस्कृति और समग्र विकास का केंद्र बनाएं, ताकि 2047 तक विकसित भारत के विज़न में योगदान किया जा सके।

