बांग्लादेश की राजनीति इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में है, और इसकी वजह पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की बिगड़ती तबीयत है। मौजूद जानकारी के अनुसार, ज़िया को 23 नवंबर को गंभीर श्वसन संक्रमण, हृदय और फेफड़ों से जुड़े जटिलताओं के बाद ढाका के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की, जिसके बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने औपचारिक रूप से धन्यवाद व्यक्त किया है।
बता दें कि बीएनपी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की ओर से भेजे गए शुभकामनाओं और सहयोग के प्रस्ताव की सराहना करती है। PM मोदी ने अपने संदेश में लिखा था कि बेगम ज़िया ने बांग्लादेश के सार्वजनिक जीवन में लंबे समय तक महत्वपूर्ण योगदान दिया है और भारत उनकी रिकवरी के लिए हर संभव मदद देने को तैयार है।
गौरतलब है कि ज़िया की खराब सेहत को देखते हुए बीएनपी ने देशभर में जुमे की नमाज़ के बाद विशेष दुआ की अपील भी की है। पार्टी महासचिव मिर्ज़ा फ़ख़रुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि “मदर ऑफ डेमोक्रेसी” कहे जाने वाली क़लीदा ज़िया के ठीक होने के लिए पूरा देश दुआ कर रहा है।
इसी बीच बीएनपी नेतृत्व से जुड़े एक और अहम मुद्दे पर भी हलचल बढ़ गई है। पार्टी की कार्यवाहक कमान संभाल रहे तारीक़ रहमान, जो 2008 से लंदन में रह रहे हैं, की देश वापसी को लेकर अब सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफ़ेसर मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने साफ़ कहा है कि तारीक़ के लौटने पर किसी तरह की रोक नहीं है। उनका कहना है कि यात्रा पास भी एक दिन के भीतर जारी किया जा सकता है।
मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए यह भी उल्लेखनीय है कि अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को छात्र-आंदोलन के बाद पद छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद से BNP का प्रभाव देश में बढ़ता हुआ देखा गया है। वहीं, तारीक़ रहमान के खिलाफ दर्ज कई पुराने मामलों में भी अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है, जिससे उनकी वापसी के कानूनी अवरोध लगभग समाप्त हो गए हैं।
इन सभी घटनाओं के बीच बेगम खालिदा जिया की सेहत को लेकर चिंता बरकरार है, और BNP की शीर्ष नेतृत्व व्यवस्था तथा राजनीतिक संतुलन पर इसका असर साफ़ महसूस किया जा रहा है। हालात कैसे बदलेंगे, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल पूरा राजनीतिक माहौल उसी दिशा में केंद्रित है।
इस समय पूरी बीएनपी नेतृत्व संरचना, बांग्लादेशी जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।

