तेलंगाना सरकार ने कालेश्वरम सिंचाई परियोजना पर न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष आयोग की रिपोर्ट एक पेनड्राइव में रविवार को विधानसभा सदस्यों को उपलब्ध कराई।
सदन में इस रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना है।
सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए पहले कहा था कि पिछली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के दौरान मुख्यमंत्री रहे के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को तीनों बैराज की योजना बनाने में अनियमितताओं एवं अवैधताओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है।
आयोग ने यह भी बताया कि इस परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली थी और अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के बिना ही काम शुरू हो गया था।
मीडिया के साथ साझा किए गए रिपोर्ट के सारांश में कहा गया है कि केसीआर पहले से सबकुछ तय किए हुए थे और अपनी “स्वेच्छा से” से मेदिगड्डा में बैराज का निर्माण करने पर अड़े थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह निर्णय लेने से जुड़े अधिकारियों ने इसमें उनकी मदद की।
आयोग के अनुसार पूरी परियोजना में व्यापक वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं।