असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिल्ली में विस्फोट के बाद सोशल मीडिया पर ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट करने के आरोप में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में कतई बर्दाश्त न करने का रुख अपनाया है।
उन्होंने कहा, “हम 100 से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट की जांच कर रहे हैं और जहां भी हमें आतंकवाद के प्रति स्पष्ट प्रोत्साहन या संबंध मिला है, हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और जब तक हम पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को नहीं तोड़ देते, तब तक हम ऐसा करना जारी रखेंगे।”
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मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम की स्थिति उन आतंकी मॉड्यूल से बहुत अलग है जिनके कारण दिल्ली में विस्फोट हुआ।
उन्होंने कहा, “असम में कई जिलों में मुसलमान बहुसंख्यक हैं, जबकि हिंदू अल्पसंख्यक हैं और वे अपनी सुरक्षा चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यहां की लड़ाई बहुत अलग है और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में डॉक्टर जिहाद के बारे में सामने आ रहे तथ्यों की तुलना यहां की चुनौतियों से नहीं की जा सकती।”
शर्मा ने दावा किया कि वे (मुस्लिम) कई जिलों और गांवों में प्रमुख भूमिका में हैं और अस्पतालों और यहां तक कि मीडिया जैसे कई क्षेत्रों पर उनका नियंत्रण है।
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मुख्यमंत्री ने इससे पहले दिन में कहा था कि दिल्ली विस्फोट के बाद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के लिए असम में नौ और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे इस संबंध में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 15 हो गई है।
शर्मा ने कहा कि असम पुलिस हिंसा का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ समझौता न करने की नीति पर कायम है।
मुख्यमंत्री ने कहा, हम कड़ियों की जांच करेंगे और अगर हमें पता चला कि किसी का संबंध बांग्लादेश या किसी अन्य देश से है तो हम उनके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई करेंगे।
गौरतलब है कि सोमवार शाम को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी।

