बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की आंधी चल रही है। अब तक सामने आए नतीजों में बिहार की सत्ता में एनडीए की फिर से वापसी होती हुई नजर आ रही है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की ऐसी सुनामी आई कि महागठबंधन राजद कांग्रेस वीआईपी का तिनकात तिनका बिखर गया। जन स्वराज का तो सुपड़ा साफ हो गया। 2025 विधानसभा चुनाव के परिणामों के बीच जो स्टार बनकर सामने आए हैं वो हैं पीएम मोदी के हनुमान चिराग पासवान जिन्होंने ऐसा कमाल दिखाया कि सारा गेम ही पलट दिया। 2025 के विधानसभा चुनाव में चिराग का स्ट्राइक रेट कमाल का है और अपने स्ट्राइक रेट के लिए जाने जाने वाले चिराग ने महा रिकॉर्ड बना डाला है। बिहार चुनाव में चिराग वाकई विनर बनकर उभरे हैं। जिसने तेजस्वी से लेकर कई नेताओं को पीछे छोड़ दिया। चिराग पासवान की पार्टी ने इस चुनाव में जिस तरह से प्रदर्शन किया है, उसने सभी को चौंका दिया।
इसे भी पढ़ें: जंगलराज वालों ने जनता के बीच अपनी औकात देख ली, NDA की जीत पर बोले चिराग पासवान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे निर्णायक चुनावी जीत में से एक बताई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की देशव्यापी लोकप्रियता से मज़बूत हुई जेडी(यू)-बीजेपी की नई साझेदारी, गठबंधन को ऐतिहासिक जनादेश की ओर ले गई। 2020 के बिहार चुनाव में, संयुक्त लोक जनशक्ति पार्टी ने 130 से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ़ एक सीट – मटिहानी – जीत पाई। वह विधायक बाद में जदयू में शामिल हो गया। गौरतलब है कि लोजपा के उम्मीदवार नौ सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे थे।
इसे भी पढ़ें: भाग्य में ही CM बनना नहीं लिखा है… लालू ने मारा था ताना, नीतीश ने फिर इस अंदाज में दिया जवाब
इस बार के चुनाव में सबसे बड़ा सरप्राइज रहा चिराग पासवान का प्रदर्शन। उनकी पार्टी LJP ने 27 में से 19 सीटों पर बढ़त बनाकर सभी को चौंका दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह नई सरकार में नीतीश कुमार के उप-मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करेंगे, चिराग पासवान ने कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं। मुझे लगता है कि योग्य उम्मीदवार मेरी पार्टी से ही होगा। जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह पार्टी के किसी सदस्य को ही मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: 10वीं बार, नीतीश कुमार, भीष्म पितामह की तरह प्राप्त है ‘इच्छा हार’ का वरदान? Memes Viral
चिराग पासवान की पार्टी को पासवान अन्य अत्यंत पिछड़ा वर्ग यानी कि ईबीसी के सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं जो रुझान में भी सामने आ रहे हैं। उनसे यह स्पष्ट है कि पार्टी ने अपना वोट बैंक एकजुट रखा है। सुगोली, गोविंदगंज, कस्बा, बलरामपुर, बोछहा, नाथनगर यह ऐसी सीटें हैं जहां एलजेपीआर के प्रत्याशी 10,000 से भी ज्यादा वोटों की लीड लगातार बनाए हुए हैं। जानकार मानते हैं कि अगर पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने खुद को एक बागी के रूप में दिखाया था तो इस बार के चुनाव में उन्होंने खुद को एक युवा बिहारी नेता के रूप में स्थापित किया। बिहारी फर्स्ट वाला उनका नारा एकदम सटीक बैठा। उन्हें अपना कोर वोट बैंक तो मिला ही। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का भी फायदा मिला। यानी कि कोर वोट बैंक प्लस मोदी मैजिक ने चिराग पासवान को इस बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा एक्स फैक्टर बना दिया।

