चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएट का सबसे बड़ा शोपीस प्रोजेक्ट है सीपीसी यानी कि चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर और अब इसी प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। पाकिस्तान ने यह बात खुद मानी है कि सीपीईसी से पाकिस्तान को अब तक कोई लाभ नहीं मिला और चीनी निवेशक देश छोड़कर भाग भी रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान के एक मंत्री ने यह स्वीकार किया कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर से उनका मुल्क कोई लाभ नहीं उठा सका और पिछली सरकारों की वजह से चीनी निवेशकों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के योजना मंत्री एहसान इकबाल ने कहा कि पाकिस्तान ने ऐसे कई मौके गवाए जब हमारी अर्थव्यवस्था लंबी छलांगे लगा सकती थी। हमने गेम चेंजर साबित हो सकने वाले सीपीईसी से लाभ नहीं उठाया। सीपीईसी से होने वाले लाभ को भी नहीं भुना सके।
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बता दें कि यह पहली बार है जब किसी पाकिस्तानी मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि सीपीईसी के लक्ष्य हासिल नहीं किए जा सके। सीपीसी चीन का एकत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। चीन के राष्ट्रपति जिमपिंग की बहु अरब डॉलर कीत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का प्रमुख प्रोजेक्ट माने जाने वाला 60 अरब अमेरिकी डॉलर का सीपीसी चीन के शिंजियांग क्षेत्र को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। यह परियोजना चीन की वैश्विक प्रभाव बढ़ाने की उस रणनीति का हिस्सा था। जिसके तहत वह विभिन्न देशों में चीन की पूंजी से बने बुनियादी ढांचे के जरिए अपनी मौजूदगी मजबूत करना चाहता है।
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कुल मिलाकर चीन के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का हाल पाकिस्तान में बहुत बुरा है। अब तक बलूचिस्तान क्षेत्र में इस इंफ्रा पर काम कर रहे कई चीनी इंजीनियर्स की मौत भी हो चुकी है और पाकिस्तान उस क्षेत्र में पूरी तरह से विफल रहा है। इसी के चलते सीपीसी एक तरह से ठप पड़ा है।

