Sunday, July 20, 2025
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Prabhasakshi NewsRoom: Pakistan के Rahim Yar Khan Airbase का दो महीने बाद भी चालू नहीं हो पाना India की स्पष्ट सामरिक जीत है

भारत ने दो महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के रहीम यार खान एयरबेस को जो नुकसान पहुँचाया था वो इतना भीषणा था कि आज भी यह एयरबेस पूरी तरह से चालू नहीं हो पाया है। यह स्थिति इस बात का साफ संकेत है कि इस सामरिक दृष्टि से पाकिस्तान के अत्यंत महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने को कितना बड़ा नुकसान पहुंचा है। हम आपको बता दें कि पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन विभाग ने इस रनवे के लिए ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी कर इसकी अस्थायी निष्क्रियता को अब 5 अगस्त तक बढ़ा दिया है।
हम आपको बता दें कि रहीम यार खान एयरबेस पाकिस्तान के दक्षिणी हवाई सुरक्षा ढांचे में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एयरबेस भारत की राजस्थान सीमा से मात्र 230 किलोमीटर दूर स्थित है। यही वजह है कि इसे पाकिस्तान वायुसेना के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जाता है। मई की शुरुआत में भारत द्वारा किए गए सटीक और लक्ष्यभेदी हमले में यह एयरबेस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। हम आपको याद दिला दें कि मई के अंत में राजस्थान के बीकानेर में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस एयरबेस को ‘आईसीयू में पड़ा हुआ’ बताया था।

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हम आपको बता दें कि यह एयरबेस एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परिधि में स्थित है और 10 मई को पहली बार NOTAM जारी कर 18 मई तक के लिए इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। बाद में इसे जून और फिर जुलाई तक आगे बढ़ाया गया। अब ताजा सूचना के मुताबिक, “कार्य प्रगति पर है” के कारण इसे अगस्त तक के लिए फिर से बंद रखा गया है।
हम आपको बता दें कि इस एयरबेस का इस्तेमाल पाकिस्तान वायुसेना के सेंट्रल कमांड के लिए अग्रिम संचालन ठिकाने के तौर पर होता था। मई में स्थानीय मीडिया को पाकिस्तान के एक जिला अधिकारी ने बताया था कि भारतीय मिसाइल हमले से रनवे पर एक बड़ा गड्ढा बन गया था, लेकिन अब दो माह बाद भी इसका संचालन शुरू नहीं हो पाना यह दर्शाता है कि क्षति सिर्फ रनवे तक सीमित नहीं, बल्कि कहीं व्यापक है।
हम आपको बता दें कि रहीम यार खान के अलावा भारत ने नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी), रफीक़ी एयरबेस (शोरकोट, पंजाब), मुरिद एयरबेस (चकवाल) और चुनियन एयरबेस (पंजाब) को भी निशाना बनाया था। पाकिस्तानी अधिकारियों ने नूर खान एयरबेस में ट्रांसपोर्ट विमानों के नुकसान और चुनियन में तकनीकी सुविधाओं के नष्ट होने की पुष्टि की थी।
इसी हमले की श्रृंखला में पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित कुख्यात ‘मरकज़ सुब्हान अल्लाह’ आतंकी प्रशिक्षण शिविर को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था। यहां जैश-ए-मुहम्मद के शीर्ष नेतृत्व का संचालन होता था। अब यह शिविर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है और संगठन के शीर्ष नेताओं ने नए पते के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाकों की तलाश शुरू कर दी है।
देखा जाये तो रहीम यार खान जैसे एयरबेस को दो माह से अधिक समय तक बंद रखना पाकिस्तान के सैन्य ढांचे की गंभीर कमजोरी को उजागर करता है। यह भारत के लिए एक स्पष्ट सामरिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा आतंकवाद के ढांचे पर सीधे वार कर भारत ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश भी दे दिया है कि वह केवल अपने रक्षा हितों तक सीमित नहीं, बल्कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए भी निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है।
बहरहाल, इस घटना से यह साफ हो गया है कि अब भारत की सैन्य रणनीति सिर्फ प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं, बल्कि आक्रामक और निर्णायक मोर्चे पर उतर चुकी है। रहीम यार खान जैसे एयरबेस का महीनों तक बंद रहना पाकिस्तान के लिए सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक झटका भी है।
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