10 नवंबर, 2025 को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर एक तेज़ विस्फोट हुआ जिसमें एक धीमी गति से चलती कार में विस्फोट हो गया, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। विस्फोट से आस-पास के वाहनों और ढाँचों को भी काफ़ी नुकसान पहुँचा। दिल्ली पुलिस ने अब इस घटना के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज
कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में विस्फोट को बम विस्फोट बताया गया है और इसे कानून की कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। जिन प्रमुख कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल किया गया है, उनमें शामिल हैं:
गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए): यूएपीए की धाराएँ 16 और 18, जो आतंकवादी कृत्यों और ऐसे कृत्यों की साजिश रचने के लिए दंड से संबंधित हैं।
विस्फोटक पदार्थ अधिनियम: धारा 3 और 4 के तहत आरोप, जो क्रमशः जीवन को खतरे में डालने वाले विस्फोट और विस्फोट करने के प्रयास से संबंधित हैं।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी): हत्या के लिए धारा 103(1), हत्या के प्रयास के लिए धारा 109(1), और वरिष्ठ अधिकारी पर हमले के लिए उकसाने के लिए धारा 161(2)।
विस्फोट का विवरण
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोट मध्य दिल्ली के व्यस्त इलाके लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर हुआ। यह विस्फोट एक वाहन के अंदर छिपे विस्फोटक उपकरण के कारण हुआ। विस्फोट का प्रभाव विनाशकारी था, जिससे व्यापक क्षति हुई और कई लोग हताहत हुए। कई वाहन आग की चपेट में आ गए और आसपास के लोग विस्फोट में फंस गए।
स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मृतकों की संख्या वर्तमान में 13 है, और कई अन्य की हालत गंभीर है। विस्फोट से इलाके की एक पुलिस चौकी को भी काफी नुकसान पहुँचा है, जो हमले की भयावहता को और उजागर करता है।

