भारतीय पुरूष जूनियर हॉकी टीम के मुख्य कोच पी आर श्रीजेश ने शुक्रवार को अपनी टीम को आगामी विश्व कप को अपने कैरियर का अहम पड़ाव समझने और अपना फोकस 2028 लॉस एंजिलिस और 2032 ब्रिसबेन ओलंपिक पर रखने की सलाह दी।
चार ओलंपिक खेल चुके और तोक्यो तथा पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे अनुभवी गोलकीपर श्रीजेश ने कहा कि जूनियर विश्व कप में दबाव का सामना करना और अनुभव हासिल करना युवा खिलाड़ियों के लिये सबसे बड़ा सबक होगा।
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श्रीजेश ने कहा ,‘‘ जूनियर खिलाड़ियों के लिये यह उनके कैरियर का सबसे अहम पड़ाव होगा क्योंकि यहां से सीनियर स्तर के सफर की शुरूआत होती है। मैं इन खिलाड़ियों से हमेशा कहता हूं कि 2028 या 2032 का सपना देखो क्योंकि आप हमेशा जूनियर ही नहीं रहोगे।’’
उन्होंने तमिलनाडु में 28 नवंबर से शुरू हो रहे जूनियर विश्व कप के लिये भारतीय टीम के ऐलान के बाद मीडिया से वर्चुअल बातचीत में कहा ,‘‘यह टूर्नामेंट उनके कैरियर के लिये मील का पत्थर होगा जहां से वे अपने सफर की शुरूआत कर सकते हैं।’’
श्रीजेश ने कहा ,‘‘ मैं उनसे हमेशा कहता हूं कि बड़े सपने देखो। सीनियर टीम में कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने जूनियर विश्व कप नहीं खेला है। यह विश्व कप है और यहां से अनुभव मिलेगा। इससे उन्हें चुनौतियों और दबाव का सामना करना आयेगा। यह उनके लिये बेहतरीन मंच है।’’
सैतीस वर्ष के श्रीजेश ने अपने कैरियर में सफलता, नाकामी, दबाव और निराशा सब कुछ देखा है और एक कोच के तौर पर वह खिलाड़ियों को सीखा रहे हैं कि इनसे कैसे पार पाना है।
उन्होंने कहा ,‘‘ हम उन्हें जीतना और अपेक्षाओं पर खरा उतरना सिखा रहे हैं। हम टूर्नामेंट जीतने के लिये काफी मेहनत कर रहे हैं ताकि आत्मविश्वास बढे। जूनियर विश्व कप शुरूआत है। महत्वपूर्ण यह है कि ये उससे क्या सीखते हैं।’’
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भारत को पूल बी में चिली, स्विटजरलैंड और ओमान के साथ रखा गया है। सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान के नाम वापिस लेने के बाद ओमान को जगह दी गई है।
श्रीजेश ने कहा ,‘‘ जूनियर विश्व कप क्वार्टर फाइनल से शुरू होगा। इस बार छह पूल होने से यह पेचीदा है। हमें अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर फोकस करना है और किसी मैच को हलके में नहीं लेना है।

