संसद के निचले सदन, लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई और अब मंगलवार (2 दिसंबर) को सुबह 11 बजे बैठक होगी। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बार-बार नारेबाजी हुई और सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसद सदन को चलने नहीं दे रहे हैं। सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक सदन की कार्यवाही कुल तीन बार स्थगित हुई और लगभग 50 मिनट का ही विधायी कार्य हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025 को विचार एवं पारित करने के लिए सदन में पेश किया।
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केंद्रीय वित्त मंत्री ने बार-बार हो रही नारेबाजी के बीच सदन में कहा कि केंद्र सरकार ने 2017 के केंद्रीय वस्तु एवं सेवा अधिनियम, विशेष रूप से वित्त अधिनियम 2025 की धारा 121 से 134 में संशोधन किया है। इसे संसद द्वारा पारित किया गया और 2024 में अधिनियमित किया गया। आधे से अधिक राज्यों द्वारा अपने जीएसटी को अद्यतन करने के बाद ये परिवर्तन अक्टूबर 2025 से प्रभावी भी हो गए। लेकिन दुर्भाग्य से मणिपुर में जीएसटी समय पर लागू नहीं हो सका क्योंकि राज्य विधानसभा निलंबित थी।
इस बीच, अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे सांसद कृष्ण प्रशांत टेनेटी ने विपक्षी सांसदों से शिष्टाचार बनाए रखने और अपनी सीटों पर वापस जाने का आग्रह किया, जहाँ उनकी बात ठीक से सुनी जा सके। सांसद कृष्ण प्रशांत टेनेटी ने अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठते हुए कहा कि कृपया बैठ जाएँ। कृपया अपनी सीटों पर वापस जाएँ, कार्यवाही चलने दें, मैं आपकी बात सुनूँगा लेकिन इस तरह नहीं। कृपया अपनी सीटों पर वापस जाएँ, ताकि मैं आपकी बात सुन सकूँ, अभी मैं आपकी बात नहीं सुन पा रहा हूँ। अगर 20-40 लोग एक साथ बोलेंगे तो मैं आपकी बात नहीं सुन पाऊँगा।
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बार-बार अनुरोध के बाद भी नारेबाजी जारी रही, जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सांसद ने आगे कहा कि आप अपनी बात सुनना चाहते हैं या नहीं? अगर आप अपनी बात नहीं सुनना चाहते हैं, तो सदन की कार्यवाही मंगलवार, 2 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है। इससे पहले, कई विपक्षी नेताओं ने सदन में “वोट चोर, गद्दी छोड़” के नारे लगाए और देश भर में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग की। दिन भर यही नारे लगते रहे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 और केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए। विधेयक को सदन में ध्वनिमत से पेश किया गया।

