रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (आरटीआरएस) सुविधा में 800 किमी/घंटा की सटीक नियंत्रित गति से लड़ाकू विमान एस्केप सिस्टम का उच्च गति रॉकेट-स्लेज परीक्षण सफलतापूर्वक किया है, जिसमें कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन अनुक्रमण और पूर्ण एयरक्रू-रिकवरी को मान्य किया गया है। यह परीक्षण एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से किया गया। यह जटिल गतिशील परीक्षण भारत को उन्नत आंतरिक एस्केप सिस्टम परीक्षण क्षमता वाले विशिष्ट देशों के समूह में शामिल करता है।
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गतिशील इजेक्शन परीक्षण, नेट टेस्ट या जीरो-जीरो टेस्ट जैसे स्थैतिक परीक्षणों की तुलना में काफ़ी जटिल होते हैं, और इजेक्शन सीट के प्रदर्शन और कैनोपी सेवरेंस सिस्टम की प्रभावकारिता के मूल्यांकन का एक वास्तविक उपाय हैं। एलसीए विमान के अग्रभाग के साथ एक दोहरे स्लेज सिस्टम को कई ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर्स के चरणबद्ध प्रज्वलन के माध्यम से सटीक रूप से नियंत्रित वेग से प्रक्षेपित किया गया।
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राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की सराहना की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लड़ाकू विमान एस्केप सिस्टम के उच्च गति वाले रॉकेट स्लेज परीक्षण के सफल आयोजन पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, एडीए, एचएएल और उद्योग जगत की सराहना की है और इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।

