Ahoi ashtami vrat 2024: अहोई अष्टमी के दिन जरूर करें अहोई माता की इस आरती का पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना!
Ahoi Mata ki Aarti: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद पड़ता है. इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना के लिए रखती हैं. अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रखा जाता है. इसके अलावा, संतान प्राप्ति के लिए भी अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है. आज यानी 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जा रहा है. ऐसे में अहोई अष्टमी की व्रत कथा के बाद अहोई माता की आरती का पाठ करना अत्यंत जरूरी माना जाता है.
अहोई अष्टमी का व्रत पूरे दिन उपवास रखकर किया जाता है और रात में तारे देखने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. अगर आप अहोई अष्टमी का व्रत रख रही हैं तो आपको इस दिन कथा के बाद आरती का पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही इस दिन अहोई माता की कथा पढ़ने के बाद देसी घी के दीपक से पूजा करते समय आरती का पाठ अवश्य करें.
अहोई माता की आरती (Ahoi Mata ki aarti)
जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
अहोई अष्टमी का व्रत कितने बजे खुलेगा? (Ahoi Ashtami vrat parana)
ज्योतिष पंचांग मुताबिक, अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 41 मिनट से लेकर 6 बजकर 58 मिनट तक है. साथ ही शाम में तारों को देखने का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 05 मिनट है. इस समय व्रती महिलाएं तारों को देखकर व्रत खोल सकती हैं.