उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास सीमा सड़क संगठन के कैंप पर शुक्रवार को भीषण हिमस्खलन हुआ, जिसमें 54 मजदूर दब गए। बचाव दल ने 50 मजदूरों को बचा लिया है, जिनमें से 4 की मौत हो गई है। बाकी के 4 मजदूर अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश में आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, वायुसेना और सेना मिलकर काम कर रही है। इसके अलावा, बचाव अभियान में मदद के लिए चमोली में खोजी कुत्तों को भी भेजा गया है।
मृतकों की पहचान हिमाचल प्रदेश के मोहिंद्रा पाल और जितेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश के मंजीत यादव और उत्तराखंड के आलोक यादव के रूप में हुई है। अधिकारी अब चार लापता मजदूरों हिमाचल प्रदेश के हरमेश चंद, उत्तर प्रदेश के अशोक और उत्तराखंड के अनिल कुमार और अरविंद सिंह का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
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एनडीआरएफ कमांडेंट सुदेश कुमार ने बताया, ‘एनडीआरएफ के जवान तलाशी अभियान को आगे बढ़ाने के लिए वायुसेना के साथ हैं। हमने डॉग स्क्वॉड और कुछ उपकरण भी भेजे हैं जो बर्फ में दबी वस्तुओं का पता लगाते हैं। चार लोग अभी भी लापता हैं। आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, वायुसेना, सेना सभी इस बचाव अभियान में सहयोग कर रहे हैं।’
#WATCH | Mana (Chamoli) avalanche incident | In Joshimath, NDRF Commandment Sudesh Kumar says, “NDRF personnel are accompanying the Air Force to further the search operation. We have also sent dog squads and some equipment that detects objects buried under snow. Four people are… pic.twitter.com/TYBS7C0WhY
— ANI (@ANI) March 2, 2025
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उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा, ‘मौसम ने हमारा साथ दिया है। कुल 54 (बीआरओ कर्मचारी) लापता हैं, 50 को बचा लिया गया है और 4 लोगों की जान चली गई है। चार लोग अभी भी लापता हैं और खोज एवं बचाव अभियान चल रहा है, और हमें उम्मीद है कि हम उन्हें जल्द ही ढूंढ लेंगे।’