कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा योग केंद्र की अपनी यात्रा का बचाव किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह उनकी निजी आस्था है। आपको बता दें, शिवकुमार महाशिवरात्रि समारोह में हिस्सा लेने ईशा योग केंद्र गए थे। इस यात्रा के कारण उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
शिवकुमार ने एक सवाल पर कहा, ‘सद्गुरु कर्नाटक से हैं। वह कावेरी जल और मिट्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वह निजी रूप से आए और मुझे आमंत्रित किया। उनके बहुत से अनुयायी हैं और वह बेहतरीन काम कर रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायक और नेता कार्यक्रम में मौजूद थे। मैं वहां गया था। यह मेरी निजी आस्था है।’
पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने कहा, ‘मैं सभी धर्मों, सभी जातियों में विश्वास करता हूं। कांग्रेस की विचारधारा समाज में सभी को साथ लेकर चलने की है। मैं कोई भेदभाव नहीं करता। कुछ लोगों को यह पसंद आ सकता है, कुछ को नहीं।’ बुधवार को शिवरात्रि कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सद्गुरु जग्गी वासुदेव के साथ शिवकुमार के मंच साझा करने से कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग में कुछ बेचैनी पैदा हो गई है, जिन्हें लगता है कि वह भाजपा की विचारधारा के करीब जा रहे हैं।
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सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने शिवकुमार द्वारा उन लोगों के साथ मंच साझा करने पर शनिवार को सवाल उठाया जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करते रहे हैं। आलोचनाओं, खासकर राजन्ना द्वारा की गई आलोचना के बारे में पूछे गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं उनमें से किसी का भी जवाब नहीं देना चाहता। मैं उनसे बात करूंगा।’
स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करते हुए भाजपा नेताओं ने शिवकुमार की तुलना महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से करते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस पर कटाक्ष किया और राज्य में ‘तेज गति’ से राजनीतिक घटनाक्रम बदलने का अनुमान जताया। महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी गठबंधन सरकार 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद गिर गई जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों ने अलग होकर भाजपा से हाथ मिला लिया।
भाजपा नेताओं द्वारा आगामी दिनों में राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलने का अनुमान लगाए जाने पर शिवकुमार ने कहा, ‘यह सब बकवास है। पहले भाजपा को अपने यहां चीजें ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए।’ शिवकुमार ने कहा, ‘जैसा कि मेरे कुछ मंत्रियों ने कहा है, भाजपा के कई विधायक हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे मंत्री ने पहले ही इसका खुलासा कर दिया है, मैं इस पर चर्चा नहीं करना चाहता। यह (भाजपा) एक टूटा हुआ घर है, जबकि कांग्रेस एक एकजुट घर है।’
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एक सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी परिसीमन कवायद का पूरी तरह से विरोध करती है। उन्होंने कहा, ‘वे (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार) दक्षिण में हमारी संख्या (लोकसभा सीटों की संख्या) कम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम एकजुट हैं, हम एकजुट होकर लड़ेंगे।’ बाद में उडुपी में पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने कहा कि इन दिनों किसी भी मंदिर में उनका जाना या किसी समुदाय के पक्ष में भाषण देना बहस को जन्म दे देता है।
उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘अगर मैं किसी मंदिर में जाता हूं या किसी समुदाय के बारे में बोलता हूं तो इससे बहस शुरू हो जाती है। मैं कुंभ मेले में गया था। क्या पानी की कोई जाति, धर्म या पार्टी होती है? मैंने वहां से आने के बाद यहां टी नरसिपुरा में नदियों के संगम पर भी मेले में भाग लिया था। क्या गलत है? किसी तरह की अटकल की जरूरत नहीं है।’