Kerala में BJP का खाता खोलने में किसने की मदद? कांग्रेस के साथ अब अपने भी उठाने लगे सवाल

त्रिशूर के प्रतिष्ठित पूरम उत्सव के आयोजन को लेकर विवाद ने केरल की राजनीति को गर्म करदिया है। इस विवाद में ताजा मोड़ पूरम कार्यक्रम की गड़बड़ी की पुलिस जांच रिपोर्ट के रूप में आया है, जिसे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), कानून और व्यवस्था, एम आर अजित कुमार ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अधीन गृह विभाग को सौंप दिया है। गौरतलब है कि सीएम विजयन के विश्वासपात्र माने जाने वाले एडीजीपी कुमार खुद पिछले साल आरएसएस नेताओं के साथ अपनी बैठक को लेकर विवादों में रहे हैं। विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने आरोप लगाया है कि एडीजीपी-आरएसएस की बैठक के कारण पुलिस ने वार्षिक पूरम उत्सव को बाधित किया। लोकसभा चुनावों में त्रिशूर सीट से भाजपा उम्मीदवार सुरेश गोपी की जीत हुई है। सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ी। इसके प्रमुख सहयोगी सीपीआई और सीपीएम समर्थित निर्दलीय विधायक पी वी अनवर ने भी इस संबंध में कांग्रेस के आरोपों को दोहराया है। 
गौरतलब  है कि विपक्षी दल कांग्रेस और सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के सहयोगी भाकपा ने एडीजीपी एम. आर अजित कुमार द्वारा दायर उस कथित रिपोर्ट की आलोचना की जिसमें दावा किया गया है कि प्रतिष्ठित त्रिशूर पूरम 2024 उत्सव में व्यवधान डालने में कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं था। बीती 19 मई को आयोजित त्रिशूर पूरम में व्यवधान उत्पन्न किया गया और सरकार ने तत्कालीन नगर पुलिस आयुक्त तथा सहायक आयुक्त के विरुद्ध कार्रवाई की थी।  ऐसा बताया जा रहा है कि एडीजीपी ने डीजीपी के समक्ष सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश की। खबरों के अनुसार अजित कुमार ने रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया है कि इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं था। कांग्रेस ने इस कथित रिपोर्ट की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पूरम को बाधित करने के लिए साजिशकर्ता ने स्वयं ही इस संबंध में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है। 

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री वी एस सुनील कुमार ने कहा कि बाहरी हस्तक्षेप के कारण पूरम में व्यवधान उत्पन्न हुआ। कुमार ने कहा कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि त्रिशूर पूरम में व्यवधान बाहरी हस्तक्षेप के कारण हुआ और इसके पीछे कोई साजिश थी। मुझे नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या कहा गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने कहा कि उनकी पार्टी अजित कुमार की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हम अजित कुमार की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं कर सकते। इसलिए हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग पर अड़े हुए हैं।

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विजयन के रुख से सीख लेते हुए सीपीएम राज्य सचिवालय ने अगले दिन कहा कि अनवर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच सरकार और पार्टी दोनों ही कर रहे हैं। इसने कहा कि अनवर मीडिया के माध्यम से सरकार और पार्टी के खिलाफ बार-बार आरोप लगा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि पार्टी उनके रुख से सहमत नहीं हो सकती। सीपीएम राज्य सचिवालय ने कहा कि यह उनके प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए हथियार मुहैया करा रहा है। 

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