अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर उद्धाटन के ठीक बाद इस सीट पर लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के हाथों बीजेपी को मिली शिकस्त भगवा पार्टी के लिए चुभने वाली थी। लेकिन इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले मिल्कीपुर विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव देश के हाई प्रोफाइल बाई इलेक्शन में से एक रहा है। शुरुआती रूझान आने लगे हैं वहीं दिन ढलते नतीजे भी घोषित हो जाएंगे। मिल्कीपुर के किले को जीतने के लिए बीजेपी ने इस बार अपनी पूरी ताकत झोंकी। कई मंत्रियों और विधायकों को तैनात किया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कई बार वहां प्रचार किया। भाजपा की तरफ से मतदाताओं से अयोध्या (फैजाबाद लोकसभा सीट) की हार का बदला लेने का आह्वान किया गया।
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यूपी के मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए शाम पांच बजे तक मिल्कीपुर में 65.25 फीसदी मतदान हुआ। जून 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद में भाजपा समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से 54,000 वोटों के मामूली अंतर से हार गई। अब अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को सपा ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में मैदान में उतारा। फैजाबाद में हार उन कई लोगों के लिए झटका थी, जिन्होंने उस साल जनवरी में राम मंदिर में राम लला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भाजपा की आसान जीत की उम्मीद की थी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मतदाताओं से आग्रह किया कि मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जमानत जब्त कराकर लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेने का वादा करें। उन्होंने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा पर तीखा हमला बोला।
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मंच पर कई भाजपा विधायकों के साथ मौजूद मौर्य ने पूछा आप (सपा) अयोध्या के नाम पर उसका मजाक उड़ाते हैं। क्या आप अयोध्या के लोगों का अपमान करेंगे ‘भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट मिल्कीपुर से 39 वर्षीय चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारा है। सपा के अवधेश प्रसाद के फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने और उसके खाली होने के बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था। अब इस सीट पर उनका बेटा लड़ रहा है।मौर्य ने सपा पर हमला बोलते हुए अपने आक्रामक रुख को दोगुना करते हुए अवधेश प्रसाद के बेटे के नामांकन पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि वे (सपा) भी जानते हैं कि वे यह चुनाव हार रहे हैं। परिवार से पहले से ही एक सांसद है, और अब आप एक विधायक भी चाहते हैं? मुझे बताओ, क्या तुम्हें सचमुच इसकी आवश्यकता है? क्या समाजवादी पार्टी को सबक नहीं सिखाया जाना चाहिए?
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लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को यूपी में बड़ा झटका लगा है। जहां एसपी-कांग्रेस गठबंधन ने 43 सीटें जीतीं, वहीं बीजेपी सिर्फ 36 सीटें हासिल कर सकी, जो 2019 की तुलना में 30 सीटें कम है। सिर्फ फैजाबाद ही नहीं, जहां जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था, भाजपा श्रावस्ती भी हार गई, जहां मंदिर निर्माण का नेतृत्व करने वाले नौकरशाह नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा को मैदान में उतारा गया था।

