राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बिहार में सत्ता बरकरार रखने के लिए तैयार है, जहां विधानसभा चुनाव दो चरणों में – 6 नवंबर और 11 नवंबर को हुए थे। भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन 200 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि महागठबंधन लगभग 36 सीटों पर आगे है। इसको लेकर एनडीए उत्साहित है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर ट्वीट किया है और जनता का आभार जताया है।
इसे भी पढ़ें: जंगलराज वालों ने जनता के बीच अपनी औकात देख ली, NDA की जीत पर बोले चिराग पासवान
नीतीश कुमार ने एक्स पर लिखा कि बिहार विधान सभा चुनाव-2025 में राज्यवासियों ने हमें भारी बहुमत देकर हमारी सरकार के प्रति विश्वास जताया है। इसके लिए राज्य के सभी सम्मानित मतदाताओं को मेरा नमन, हृदय से आभार एवं धन्यवाद। उन्होंने आगे लिखा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को उनसे मिले सहयोग के लिए उनका नमन करते हुए हृदय से आभार एवं धन्यवाद।
नीतीश ने कहा कि एन॰डी॰ए॰ गठबंधन ने इस चुनाव में पूरी एकजुटता दिखाते हुए भारी बहुमत हासिल किया है। इस भारी जीत के लिए एन॰डी॰ए॰ गठबंधन के सभी साथियों- चिराग पासवान, जीतन राम मांझी एवं उपेन्द्र कुशवाहा को भी धन्यवाद एवं आभार। आप सबके सहयोग से बिहार और आगे बढ़ेगा तथा बिहार देश के सबसे ज्यादा विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा। एनडीए की प्रचंड जीत पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सबसे पहले मैं बिहार की महान जनता को विशेष धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूँ, जिन्होंने बिहार को विकास के पथ पर गति देने की सोच के साथ एनडीए को प्रचंड बहुमत देने का ऐतिहासिक फैसला लिया। बिहार और बिहारियों में सही समय पर सही फैसला लेने की बुद्धि और क्षमता है। इस एक जवाब ने कई सवालों पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
इसे भी पढ़ें: बिहार के परिणाम बताते हैं कि आगे चुनाव जाति या धर्म पर नहीं, विकास के मुद्दे पर लड़े जाएंगे :सावंत
चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग सीएम नीतीश कुमार के स्वास्थ्य, एनडीए के पिछले दो दशकों के कार्यकाल, पहले जंगलराज के अस्तित्व, मेरे प्रधानमंत्री बिहार को कितनी प्राथमिकता देते हैं और गठबंधन में मेरी भूमिका पर सवाल उठा रहे थे, इस परिणाम ने इन सभी सवालों का करारा जवाब दे दिया है… अगर 2020 में पांच दलों का यह एकजुट एनडीए होता, तो यह भी उतना ही शानदार प्रदर्शन करता। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ हमने एकजुट एनडीए की ताकत देखी, वहीं दूसरी तरफ़, राजद के अहंकार की पराकाष्ठा देखिए कि अभी जनादेश भी पूरा घोषित नहीं हुआ है और वो कह रहे हैं कि 18 नवंबर को शपथ लेंगे। जब महत्वाकांक्षा अहंकार का रूप ले लेती है, तो यही नतीजा होता है।

