गाज़ियाबाद, 23 जुलाई 2025 – शहर में हुई भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मामला एक लग्ज़री कार मर्सिडीज से जुड़ा है, जिसे पानी भर जाने के कारण गंभीर क्षति हुई। कार मालिक और समाजसेवी अमित किशोर ने इस घटना को लेकर गाज़ियाबाद नगर आयुक्त को कानूनी नोटिस भेजा है और ₹5 लाख के मुआवज़े की माँग की है।
क्या है पूरा मामला ?
घटना 23 जुलाई को उस समय हुई जब अमित किशोर अपनी मर्सिडीज कार से लाजपत नगर (साहिबाबाद) से वसुंधरा की ओर जा रहे थे। रास्ते में भारी जलभराव के कारण उनकी कार बीच सड़क पर फंस गई और इंजन समेत कई हिस्से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। उन्हें मजबूरी में क्रेन की मदद से कार को नोएडा स्थित मर्सिडीज सर्विस सेंटर ले जाना पड़ा। वहाँ बताया गया कि कार की मरम्मत में ₹5 लाख से अधिक का खर्च आएगा।
कानूनी नोटिस में क्या कहा गया?
अमित किशोर द्वारा नगर निगम को भेजे गए नोटिस में साफ कहा गया है कि—
- नगर निगम ने समय रहते नालों की सफाई नहीं की।
- अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
- ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल रहा।
- निगम की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते जलभराव की स्थिति बनी।
इसलिए वे ₹5 लाख की क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने निगम को 15 दिनों के भीतर संतोषजनक उत्तर देने की चेतावनी दी है। अगर जवाब नहीं मिलता, तो वे हाई कोर्ट में PIL दायर करने, लोकायुक्त जांच की मांग और दीवानी कार्रवाई करने की योजना बना चुके हैं।
सिर्फ कार नहीं, पूरे सिस्टम पर सवाल
अमित किशोर का कहना है कि यह सिर्फ उनकी कार का मामला नहीं है, बल्कि ये एक बड़ा सवाल है – क्या नगर निगम नागरिकों के टैक्स का सही उपयोग कर रहा है? क्या लाखों लोगों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा करने में प्रशासन सक्षम है?
उनका मानना है कि जब एक मर्सिडीज सड़क पर पानी में डूब सकती है, तो आम नागरिक की सुरक्षा का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
हाल की घटनाओं से मिलता है मेल
यह कोई पहली बार नहीं है जब गाज़ियाबाद में बारिश ने प्रशासन की पोल खोली हो। हाल ही में सिद्धार्थ विहार के एक हाईराइज़ सोसायटी में जलभराव से बेसमेंट में दर्जनों गाड़ियाँ डूब गईं, जिससे लाखों का नुकसान हुआ। लिफ्ट बंद हो गईं, बिजली गुल रही और बुजुर्ग व बच्चों को ऊपरी मंज़िलों पर फँसकर रहना पड़ा।
नगर निगम ने इस पर निर्माणकर्ता के खिलाफ FIR दर्ज करवाई, लेकिन लोगों का विश्वास डगमगाया है।
निष्कर्ष
गाज़ियाबाद में बारिश अब केवल मौसम नहीं, एक प्रशासनिक आपदा बनती जा रही है। अमित किशोर की ओर से उठाया गया यह कदम निगम की जवाबदेही तय करने का प्रयास है। यह मामला न सिर्फ एक मर्सिडीज की क्षति है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल है।
यदि आप भी गाज़ियाबाद में जलभराव या निगम से जुड़ी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो अपनी आवाज़ उठाइए। सवाल पूछना ज़रूरी है।