बुलंदशहर / उत्तर प्रदेश, 1 दिसंबर 2025 — ग्राम पंचायत सचिवों ने ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली (FRS) और गैर-विभागीय कार्यों के खिलाफ शांतिपूर्ण सत्याग्रह शुरू किया है। उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है और कहा है कि यह प्रणाली व्यावहारिक नहीं है तथा इससे सरकारी कार्य प्रभावित होंगे। पंचायत सचिवों का कहना है कि इनके ऊपर अतिरिक्त गैर-विभागीय कार्यों का बढ़ता बोझ है, जो उनके मूल कार्यों में बाधा डाल रहा है।
क्या है मामला?
प्रदेश सरकार ने हाल ही में आदेश दिया है कि सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं ग्राम विकास अधिकारियों (सचिव व विकास अधिकारी) की उपस्थिति अब ऑनलाइन / डिजिटल / बायोमेट्रिक प्रणाली (या FRS — Facial Recognition / आभासी उपस्थिति) के माध्यम से दर्ज की जाएगी।
इसके साथ-साथ, कई अन्य विभागों के अतिरिक्त — गैर-पंचायती / गैर-मूल कार्य (जैसे सर्वे, अन्य सरकारी योजनाओं के डेटा एंट्री, विभिन्न विभागों के लिए कार्य) भी सचिवों पर थोपे जाने लगे हैं।
सचिवों का कहना है कि वो पहले से ही ग्राम पंचायतों, गांवों के दौरे, निर्माण/निगरानी कार्य, योजनाओं की समीक्षा आदि में व्यस्त रहते हैं — ऐसे में ऑफिस से दूर-दूर रहकर लगातार डिजिटल उपस्थिति दर्ज करना व्यावहारिक नहीं है।
सत्याग्रह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में चल रहा है, जहां पंचायत सचिव चार दिसंबर तक काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और इसके बाद पांच दिसंबर से सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप्स से हट जाएंगे। वे दस दिसंबर से अपने निजी वाहनों का भी उपयोग बंद कर सकते हैं। यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे पंद्रह दिसंबर को अपने-अपने डोंगल भी जमा करने की तैयारी कर रहे हैं।
सचिवों की मांग और उठाया गया कदम
- ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली (FRS) को बिना पर्याप्त प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए लागू न किया जाए क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनी हकीकतों से मेल नहीं खाती और नेटवर्क की समस्याओं के कारण काम में बाधा उत्पन्न होती है।
- गैर-विभागीय कार्यों का बोझ कम किया जाए ताकि पंचायत सचिव अपने मूल और विभागीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
- ऑनलाइन उपस्थिति की अनिवार्यता को पंचायत भवन पर ही सीमित रखा जाए, जिससे उन्हें बार-बार ब्लॉक मुख्यालयों में आना-जाना न पड़े और क्षेत्रीय कार्य प्रभावित न हों।
- सचिवों की समस्याओं को सुनवाई करके उनसे उत्पीड़न बंद किया जाए, और उनकी कार्यशैली को सुविधाजनक बनाया जाए।
- इस विरोध स्वरूप, 1 दिसंबर से 4 दिसंबर 2025 तक पहले चरण में सचिवों ने काली पट्टी बांध कर शांति प्रदर्शन (सांकेतिक सत्याग्रह) शुरू किया है।
- अगर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो आगे वे 5 दिसंबर से डोंगल / ऑनलाइन उपस्थिति से हटने, निजी वाहन उपयोग न करने, अन्य विभागीय कार्यों से मना करने जैसे कदम भी उठाने की बात कह चुके हैं।
दरसल यह विरोध मुख्य रूप से इस प्रणाली के अव्यवहारिक होने, संसाधनों की कमी, और बिना प्रशिक्षण के लागू किए जाने जैसे कारणों से किया जा रहा है। पंचायत सचिवों का कहना है कि यह व्यवस्था उनके कामकाज को प्रभावित कर रही है और इसके खिलाफ जिला एवं प्रदेश स्तर पर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। आंदोलन का स्वरूप शांतिपूर्ण है जिसमें फर्श पर बैठकर सांकेतिक विरोध भी शामिल है।
सरकार ने अब तक क्या प्रतिक्रिया दी है
सरकार ने ग्राम पंचायत सचिवों के ऑनलाइन हाजिरी (FRS) और गैर-विभागीय कार्यों के विरोध पर अभी तक प्रतिक्रिया में बातचीत और वार्ता की जरूरत पर बल दिया है। पंचायत सचिवों के विरोध के बीच सरकार ने इस प्रणाली को लागू करने के अपने आदेश बरकरार रखे हैं और सचिवों से आदेश का पालन करने को कहा है। उन्होंने सचिवों से शांतिपूर्ण ढंग से अपने कामकाज को जारी रखने और संवाद के लिए खुला होने की अपील की है।

