यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी अमेरिकी सैन्य सहायता की आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है वहीं अमेरिका रूस को प्रतिबंधों से राहत देने की योजना तैयार कर रहा है। यही नहीं, अमेरिका ने रूस के खिलाफ आक्रामक साइबर अभियानों को रोकने के आदेश जारी भी कर दिये हैं। इस बीच, ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति के उस बयान की कड़ी आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि शांति बहुत बहुत बहुत दूर है। हालांकि बाद में एक वीडियो के जरिये दिये गये स्पष्टीकरण में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा है कि हमें शांति चाहिए, सच्ची और ईमानदार शांति। उन्होंने कहा है कि हमें अंतहीन युद्ध नहीं चाहिए मगर सुरक्षा गारंटी आवश्यक है।
यूक्रेन को दी जा रही मदद रोकी
जहां तक यूक्रेन को सैन्य मदद रोके जाने की बात है तो आपको बता दें कि ट्रंप का यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ एक अभूतपूर्व टकराव के बाद सामने आया है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक खबर में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि ट्रंप ने यूक्रेन को सभी अमेरिकी सैन्य सहायता की आपूर्ति को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है जिससे ‘‘एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के हथियार और गोला-बारूद’’ की आपूर्ति प्रभावित होगी। खबर में कहा गया है कि सैन्य सहायता रोकने का ट्रंप का निर्णय अमेरिकी नेता और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित वरिष्ठ सहयोगियों के बीच व्हाइट हाउस में ‘‘कई बैठकों’’ के बाद लिया गया। अधिकारी ने कहा कि ‘‘यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक’’ ट्रंप यह निर्धारित नहीं कर लेते कि यूक्रेन ने रूस के साथ शांति वार्ता के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। आदेश में ‘‘यूक्रेन सुरक्षा सहायता पहल के माध्यम से सैकड़ों करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता पर भी रोक लगा दी गई है। इस पहले के माध्यम से धन प्रदान किया जाता है और यूक्रेन इसका इस्तेमाल केवल अमेरिकी रक्षा कंपनियों से सीधे नए सैन्य हार्डवेयर खरीदने के लिए कर सकता है।’’
इसे भी पढ़ें: बिना अमेरिका रूस का मुकाबला कर पाएगा यूरोप? भारत ने जो 54 साल पहले किया वैसा क्यों नहीं कर पाएं जेलेंस्की
हम आपको बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, 24 फरवरी 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्व नियोजित आक्रमण शुरू करने के बाद से अमेरिका अब तक 65.9 अरब अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान कर चुका है और 2014 में रूस के यूक्रेन पर शुरुआती आक्रमण के बाद से लगभग 69.2 अरब अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान की गई है। देखा जाये तो रूस के साथ युद्ध के तीन साल पूरे होने पर यूक्रेन के लिए यह हालिया झटका ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की जेलेंस्की के साथ तीखी नोकझोंक के कुछ दिनों बाद सामने आया है। जेलेंस्की पिछले शुक्रवार को ‘व्हाइट हाउस’ आए थे और दोनों देश एक दुर्लभ खनिज सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले थे। लेकिन ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बातचीत वैश्विक मीडिया के सामने गरमागरम बहस में तब्दील हो गई।
रूस को प्रतिबंधों से मिलेगी राहत
वहीं रूस को जो राहत दी जाने वाली है यदि उसकी बात करें तो आपको बता दें कि व्हाइट हाउस ने अपने अधिकारियों और ट्रेजरी विभागों से उन प्रतिबंधों की एक सूची तैयार करने के लिए कहा है, जिन पर आने वाले दिनों में ढील दी जा सकती है। हम आपको बता दें कि अमेरिकी अधिकारी आने वाले दिनों में रूसी प्रतिनिधियों के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंधों में सुधार पर मास्को प्रशासन के साथ व्यापक चर्चा करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि रूसी संस्थाओं और व्यक्तियों पर लगे प्रतिबंध भी हटाये जा सकते हैं। हम आपको बता दें कि रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है और अगर इसकी ऊर्जा प्रणाली पर अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील दी गई, तो इससे ईंधन की कीमतों को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। हम आपको बता दें कि यूक्रेन पर 2022 के आक्रमण के बाद से रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों में देश के विशाल तेल और गैस उद्योग से राजस्व को सीमित करने और युद्ध को वित्तपोषित करने की क्षमता को कमजोर करने के उद्देश्य से किये गये कई उपाय शामिल हैं। यही नहीं, तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन द्वारा रूस पर लगाए गए कई प्रतिबंध तो मार्च 2014 से लागू हैं, जब रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रम्प प्रशासन पहले कौन-से प्रतिबंधों को रूस पर से हटाने पर विचार करेगा। बताया जा रहा है कि ट्रंप एक कार्यकारी आदेश जारी कर सकते हैं जो प्रशासन को कुछ प्रतिबंधों को रूस से कम करने की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति देगा, लेकिन उन्हें कुछ संस्थाओं पर उपाय हटाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी भी लेनी होगी।
रूस के खिलाफ अभियान रोका
हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिका ने रूस के खिलाफ साइबर अभियान रोक दिये हैं जोकि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है। डेमोक्रेटिक सांसद इस मुद्दे पर पेंटागन से स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि आक्रामक साइबर ऑपरेशन, जो प्रतिद्वंद्वियों के कंप्यूटर नेटवर्क को बाधित या अक्षम करते हैं, साइबर जासूसी से अलग हैं क्योंकि इनका उद्देश्य डेटा को इंटरसेप्ट करना होता है।
जेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी की मांग दोहराई
इस बीच, जेलेंस्की ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि हम न्यायसंगत शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि हमें शांति चाहिए, सच्ची और ईमानदार शांति- अंतहीन युद्ध नहीं। लेकिन सुरक्षा गारंटी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 11 साल पहले यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी के अभाव ने रूस को क्रीमिया पर कब्ज़ा और डोनबास में युद्ध शुरू करने की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि इसी तरह सुरक्षा गारंटी नहीं होने की वजह से रूस ने हमारे खिलाफ पूर्ण आक्रमण शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि स्पष्ट सुरक्षा गारंटी की कमी के कारण, रूस इस युद्ध को बढ़ावा देना जारी रखे है। जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया इसे देख रही है और स्वीकार भी कर रही है। उन्होंने कहा कि हम यूरोपीय भागीदारों के साथ अपना काम जारी रखे हुए हैं जो हमें शांति के करीब ले जायेगा।