Ratan Tata’s Will: रतन टाटा की वसीयत में हुआ खुलासा, अब क्या होगा Ola, upstox, cure.fit जैसे स्टार्टअप्स का फ्यूचर?

उद्योगपति रतन टाटा का निधन इसी महीने की 9 तारीख को हुआ. इसके बाद से उनकी निजी संपत्ति का क्या होगा, इसके कयास लगाए जा रहे थे. अब उनकी वसीयत सामने आई है, जिसमें उनकी संपत्ति के बंटवारे का जिक्र है. साथ ही उन स्टार्टअप कंपनियों में किए गए निवेश के भविष्य का भी फैसला रतन टाटा अपनी वसीयत में कर गए हैं, जिनमें उन्होंने अपने जीवनकाल में निजी तौर पर निवेश किया था. इसमें ओला, ओला इलेक्ट्रिक, अपस्टॉक्स, क्योरफिट और अरबन कंपनी जैसी कंपनियां शामिल हैं.

रतन टाटा की वसीयत के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उसके हिसाब से उनकी निजी संपत्ति करीब 10,000 करोड़ रुपए की है. इसमें टाटा संस के अंदर उनकी निजी हिस्सेदारी, टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में उनके निजी शेयर्स, उनका अपना घर इत्यादि शामिल हैं. वसीयत में उनके परिवार के सदस्यों से लेकर उनके कुत्ते, घर के स्टाफ और उनके द्वारा बनाए नॉन-प्रॉफिट ट्रस्ट को दिए जाने वाले हिस्से का जिक्र है. साथ ही उनके निवेश का भविष्य क्या होगा, ये भी साफ किया गया है.

Ola, upstox जैसे स्टार्टअप्स का फ्यूचर

रतन टाटा की वसीयत में कहा गया है कि उन्होंने आरएनटी एसोसिएट्स और आएनएटी एडवाइजर्स के माध्यम जिन स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किया है. उन्हें लिक्विडेट कर दिया जाएगा, यानी इन कंपनियों में उनके निवेश या शेयर होल्डिंग को खत्म कर दिया जाएगा. इससे जो पैसा आएगा उसे उनके नॉन-प्रॉफिट ट्रस्ट ‘रतन टाटा एंडाउमेंट फाउंडेशन’ (RTEF) को सौंप दिया जाएगा.

रतन टाटा ने निजी तौर पर करीब 18 स्टार्टअप में निवेश किया था. इनमें ओला, ओला इलेक्ट्रिक,पेटीएम, स्नैपडील, ट्रैक्सन, फर्स्ट क्राय,कार देखो, कैश करो,क्योर फिट, ब्लू स्टोन, अपस्टॉक्स, अरबन कंपनी, अरबन लैडर और मॉगलिक्स जैसी कंपनियां शामिल हैं.

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क्या ‘रतन टाटा एंडाउमेंट फाउंडेशन’?

रतन टाटा ने साल 2022 में ‘रतन टाटा एंडाउमेंट फाउंडेशन’ बनाया था. ये एक सेक्शन-8 कंपनी है, जो दिल्ली में रजिस्टर्ड है. ये कंपनी नॉन-प्रॉफिट कॉज के लिए काम करेगी. रतन टाटा का ये फाउंडेशन बनाना टाटा परिवार की परंपरा के मुताबिक ही है, जहां पहले भी टाटा परिवार के सदस्यों ने अपनी संपत्ति को फाउंडेशन को डोनेट कर दिया.

इसमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट जैसे फाउंडेशन शामिल हैं. इन्हीं ट्रस्ट की संपत्ती को मिलाकर टाटा ट्रस्ट्स बनता है, जो टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखती है. टाटा ट्रस्ट्स ही असलियत में पूरे टाटा ग्रुप की मालिक है. अपने जीते जी रतन टाटा टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन थे और अब उनके निधन के बाद नोएल टाटा को ये जिम्मेदारी मिली है.

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क्या होगा रतन टाटा के इन शेयर्स का?

रतन टाटा के पास टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस से लेकर टाटा मोटर्स के भी शेयर्स हैं. इन सभी को आरटीईएफ को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. रतन टाटा के पास नए जमाने की टाटा टेक्नोलॉजीस और टाटा डिजिटल जैसी कंपनियों के भी शेयर मौजूद हैं. इन्हें भी आरटीईएफ को ट्रांसफर किया जाएगा.

इसके अलावा रतन टाटा जिस घर में रहते थे. जो घर उन्हें पारिवारिक संपत्ति के तौर पर मिला.उनकी 20 से 30 लग्जरी कारों का क्या होगा. इसे लेकर वसीयत में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है. संभावना है कि इनके बारे में अंतिम फैसला टाटा ग्रुप या संबंधित लोग करेंगे.

वहीं रतन टाटा के सहयोगी शांतनु नायडू को लेकर भी वसीयत में खुलासा किया गया है. शांतनु नायडू के स्टार्टअप Goodfellows में रतन टाटा की जो हिस्सेदारी थी,उसका अब त्याग कर दिया गया है. इतना ही नहीं शांतनु नायडू की विदेश में पढ़ाई के लिए उसे जो लोन दिया गया था, उसे भी माफ कर दिया गया है.

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