आबकारी नीति पर कैग रिपोर्ट पेश करने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जो वित्त विभाग भी देखती हैं, शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन’ पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश करेंगी। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कैग रिपोर्ट सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति (2024) पर आधारित होगी और राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविकता को ‘उजागर’ करेगी। गौरतलब है कि यह कैग की दूसरी रिपोर्ट होगी, जो विधानसभा में पेश की जाएगी। रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिकों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
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कैग रिपोर्ट में देखा जाएगा कि पिछली सरकार द्वारा किए गए दावों और जमीनी हकीकत में कितना अंतर है। सरकारी अस्पतालों में मशीनों की उपलब्धता, दवाओं की आपूर्ति, डॉक्टरों और नर्सों की संख्या और मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं का आकलन किया जाएगा। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हो सकता है कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में जो बजट आवंटित किया था, वह सही तरीके से खर्च हुआ या नहीं। 2022-23 और 2023-24 के दौरान सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन क्या वाकई मरीजों को इसका लाभ मिला? इस पर भी रिपोर्ट में जानकारी दी जाएगी।
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भाजपा ने पहले ही पिछली दिल्ली सरकार को घेरना शुरू कर दिया था और आरोप लगाया था कि सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की भारी कमी है, मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है और दवाइयां भी नहीं मिलती हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा, “पिछली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही थी, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सीएजी रिपोर्ट में सब कुछ सामने आ जाएगा।” पिछली सरकार की मोहल्ला क्लीनिक योजना पर पहले भी कई सवाल उठ चुके हैं।
कई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि क्लीनिकों में डॉक्टरों की कमी है, जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं और मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है। इससे पहले मंगलवार को सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली आबकारी नीति पर सीएजी रिपोर्ट पेश की थी। ‘दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर प्रदर्शन ऑडिट’ 2017-18 से 2020-21 तक चार साल की अवधि को कवर करता है और दिल्ली में भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और विदेशी शराब के विनियमन और आपूर्ति की जांच करता है। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा का सत्र दो दिन बढ़ाकर 1 मार्च तक कर दिया गया है।