Sunday, April 27, 2025
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Sharad Pawar को पांच दशक पहले के चुनाव परिणाम इस बार क्यों याद आ रहे हैं?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शरद पवार इस बार बहुत जीजान लगा रहे हैं क्योंकि राज्य में सरकार बनाने से ज्यादा ध्यान उनका इस बात पर है कि कैसे उन विधायकों को सबक सिखाया जा सके जो उन्हें धोखा देकर अजित पवार के साथ चले गये थे। इस काम के लिए 83 वर्षीय शरद पवार खुद तो पूरा जोर लगा ही रहे हैं साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी को भी चुनाव प्रचार में उतार दिया है। शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार कम ही चुनाव प्रचार करते देखी जाती हैं लेकिन इस बार वह बारामती में डेरा डाले हुए हैं और अपने भतीजे अजित पवार के खिलाफ जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार की ओर से सभाओं में दिये जा रहे संबोधनों की बात करें तो आपको बता दें कि वह 20 नवंबर हो होने जा रहे विधानसभा चुनाव में, मतदाताओं से अजित पवार के नेतृत्व में बगावत करने वालों को न केवल हराने बल्कि ‘‘बुरी तरह से हराने’’ की अपील कर रहे हैं। रविवार को शरद पवार ने सोलापुर जिले के माढा में जनसभा को संबोधित करते हुए दल-बदल की एक घटना को याद किया, जिसके कारण लगभग पांच दशक पहले उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खोना पड़ा था और उनके दृढ़ संकल्प के कारण उन सभी लोगों की हार हुई जिन्होंने उनके साथ ‘विश्वासघात’ किया था। उन्होंने कहा, ‘‘1980 के चुनाव में, हमारी पार्टी से 58 लोग चुनाव जीते और मैं विपक्ष का नेता बना। मैं विदेश गया था और जब वापस आया तो मुझे एहसास हुआ कि मुख्यमंत्री एआर अंतुले साहब ने कोई चमत्कार कर दिया है और 58 में से 52 विधायकों ने पाला बदल लिया है। मैंने विपक्ष के नेता का पद खो दिया।’’

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जनसभा को संबोधित करते हुए राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा, ‘‘मैंने (उस समय) कुछ नहीं किया। मैंने सिर्फ राज्य भर में लोगों से संपर्क करना शुरू किया और तीन साल तक कड़ी मेहनत की। अगले चुनावों में मैंने उन सभी 52 विधायकों के खिलाफ युवा उम्मीदवार खड़े किए, जिन्होंने मुझे छोड़ दिया था। मुझे महाराष्ट्र के लोगों पर गर्व है कि मुझे छोड़ने वाले सभी 52 विधायक हार गए।’’ पवार (83) ने 1967 में 27 वर्ष की आयु में विधायक बनने के बाद से एक अपराजित नेता के रूप में अपनी स्थिति रेखांकित करते हुए कहा कि ‘‘मेरे अपने अनुभव हैं’’। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने विश्वासघात किया है, उन्हें उनकी जगह दिखानी चाहिए। उन्हें सिर्फ हराएं ही नहीं, बल्कि बुरी तरह हराएं।’’
हम आपको याद दिला दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार और आठ विधायक महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गई थी जिसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो गया था। निर्वाचन आयोग ने बाद में अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया, जबकि पवार ने अपने गुट का नाम राकांपा (शरदचंद्र पवार) रखा गया और उसे चुनाव चिह्न ‘तुरही बजाता हुआ व्यक्ति’ आवंटित किया गया।
दूसरी ओर, शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार की बात करें तो आपको बता दें कि उनको रविवार को पुणे जिले के बारामती हाई-टेक टेक्सटाइल्स पार्क के परिसर में प्रवेश करने से आधे घंटे तक रोका गया। बारामती से सांसद सुप्रिया सुले के कार्यालय ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी और राज्यसभा सदस्य सुनेत्रा पवार बारामती हाई-टेक टेक्सटाइल्स पार्क की अध्यक्ष हैं। सुप्रिया के कार्यालय की ओर से साझा किए गए एक वीडियो में प्रतिभा पवार और सुप्रिया की बेटी रेवती सुले की महिला सहायक पार्क के एक सुरक्षा गार्ड से गेट खोलने के लिए कहते हुए दिखाई दे रही हैं। प्रतिभा और रेवती पार्क में कुछ खरीदारी करने के लिए पहुंची थीं। गार्ड ने उन्हें बताया कि उसे अनिल वाघ नाम के व्यक्ति ने गेट नहीं खोलने का निर्देश दिया है। प्रतिभा और रेवती के साथ मौजूद एक पुरुष सहायक ने घटना की पुष्टि की और बताया कि उन्हें कम से कम 30 मिनट तक परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। टेक्सटाइल पार्क के मुख्य प्रबंधक अनिल वाघ ने संपर्क किए जाने पर बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि प्रतिभा पवार परिसर का दौरा करने वाली हैं। अनिल वाघ ने दावा किया, “मुझे केवल इतना बताया गया था कि एक रैली होने वाली है। चूंकि, ऐसी किसी रैली के लिए अनुमति नहीं थी, इसलिए मैंने गेट पर सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया कि वे किसी को भी अंदर न आने दें।” अनिल वाघ ने कहा कि जब मुझे सूचना दी गई कि प्रतिभा काकी आई हैं, तो मैंने तुरंत सुरक्षाकर्मियों से गेट खोलने और उन्हें अंदर जाने देने को कहा। अनिल वाघ के अनुसार, प्रतिभा पवार और रेवती सुले ने पार्क परिसर में स्थित कुछ कंपनियों का दौरा किया और महिला श्रमिकों से बातचीत की।
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