प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपना पहला तलाशी अभियान चलाया, जिसमें अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबी) से जुड़े बड़े पैमाने पर हुए धोखाधड़ी का पता चला। एजेंसी ने पोर्ट ब्लेयर और उसके आसपास के नौ स्थानों और कोलकाता में दो जगहों पर तलाशी ली और वित्तीय अनियमितताओं के महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए। ईडी अधिकारियों के अनुसार, पोर्ट ब्लेयर से कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद किए गए, जो सहकारी बैंक द्वारा ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं की मंजूरी में व्यापक उल्लंघनों का संकेत देते हैं।
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फर्जी फर्मों को ऋण स्वीकृत
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों को दरकिनार करते हुए, कई फर्जी फर्मों को धोखाधड़ी से ऋण लाभ प्रदान किए गए। ईडी ने पाया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद श्री कुलदीप राय शर्मा, जो एएनएससीबी के उपाध्यक्ष भी थे, के लाभ के लिए धन का लेन-देन करने हेतु कथित तौर पर लगभग 15 फर्जी कंपनियां स्थापित की गईं।
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200 करोड़ रुपये नकद निकाले गए
एजेंसी ने दावा किया कि इन संस्थाओं ने धोखाधड़ी से 200 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएँ प्राप्त कीं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा नकद में निकाला गया और कथित तौर पर लाभार्थियों को सौंप दिया गया, जिनमें स्वयं शर्मा भी शामिल थे। यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि ईडी ने अंडमान निकोबार पुलिस की अपराध एवं आर्थिक अपराध शाखा द्वारा कई निजी व्यक्तियों और एएनएससीबी के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद जाँच शुरू की थी।