अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के खिलाफ जो अभियान छेड़ा हुआ है उसका असली निशाना कहीं कनाडा के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति की बेटियां तो नहीं हैं? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बेटियाँ हार्वर्ड विश्वविद्यालय से निष्कासन की संभावना का सामना कर रही हैं। हम आपको बता दें कि यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका के उदारवादी विश्वविद्यालयों को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत उठाया जा रहा है।
अंग्रेजी समाचारपत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक MAGA (Make America Great Again) समर्थित मीडिया आउटलेट्स ने सप्ताहांत में बताया कि ट्रंप प्रशासन कनाडा के प्रधानमंत्री की बेटी क्लियो कार्नी को निष्कासित करने पर विचार कर रहा है। बताया जा रहा है कि क्लियो हार्वर्ड में सोशल स्टडीज़ की छात्रा हैं और उनका उदारवादी सामाजिक सक्रियता का इतिहास है। बताया गया है कि कुछ महीने पहले उन्हें लंदन में एक pro-पैलेस्टीन रैली में गिरफ्तार किया गया था। भले ही हार्वर्ड में वह लो-प्रोफाइल रही हैं, लेकिन मार्च 2025 में उन्होंने लिबरल पार्टी कन्वेंशन में अपने पिता को मंच पर बुलाया था और वे पर्यावरणीय मामलों में भी सक्रिय हैं। देखा जाये तो यह सब MAGA समर्थकों को भड़काने के लिए काफी है, जिन्होंने ट्रंप के इशारे पर कनाडा और कनाडाई चीज़ों पर हमला शुरू कर दिया है।
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हम आपको बता दें कि MAGA के निशाने पर शी जिनपिंग की बेटी शी मिंग्ज़े भी हैं, जिन्होंने 2014 में एक छद्म नाम के तहत हार्वर्ड से साइकोलॉजी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी और अब माना जा रहा है कि वे उच्च शिक्षा के लिए हाल ही में फिर से हार्वर्ड लौटी हैं। कनाडा और चीन के नेताओं की बेटियों के खिलाफ चल रही यह “वीमेनहंट” मुहिम ट्रंप प्रशासन के उस व्यापक प्रतिबंध के बाद सामने आई है, जिसमें हार्वर्ड में आने वाले सभी विदेशी छात्रों पर रोक लगा दी गई है। हम आपको बता दें कि मौजूदा छात्रों को या तो किसी अन्य कॉलेज में ट्रांसफर करना होगा या फिर अपने वीजा की वैधता खोने का खतरा उठाना होगा।
इसके अलावा, MAGA ट्रोल्स ने भारतीय-अमेरिकी छात्रा मेघा वेमुरी पर भी हमला जारी रखा है। हम आपको बता दें कि मेघा ने MIT के दीक्षांत समारोह में इज़राइली सेना से विश्वविद्यालय के संबंधों की आलोचना की थी और ग़ाज़ा के पीड़ितों के प्रति समर्थन जताया था। इसके बाद MIT ने उन्हें समारोह में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया। विश्वविद्यालय ने कहा, “MIT अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है लेकिन किसी को भी संस्थान के महत्वपूर्ण समारोह को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।” वहीं, मेघा को उदारवादी समुदाय से व्यापक समर्थन मिल रहा है। हम आपको बता दें कि हार्वर्ड से स्नातक करने वाले प्रमुख भारतीयों में आनंद महिंद्रा, राहुल बजाज, पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल और नैना लाल किदवई शामिल हैं।