झारखंड सरकार द्वारा अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस्ड हेल्थ क्लीनिक करने के फैसले पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा से कोई दिक्कत नहीं है। वह विदेशी थीं। इस राज्य का निर्माण अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया था। अगर मदर टेरेसा के नाम पर कुछ करना है तो अलग से करें। किसी का नाम मिटाकर दूसरे का नाम स्थापित करने से मदर टेरेसा की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: राष्ट्रपति मुर्मू ने झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कलाकारों से की मुलाकात
भाजपा सांसद ने साफ तौर पर कहा कि राज्य सरकार ने बहुत ही गलत और निंदनीय काम किया है। राज्य सरकार के क्रियाकलापों से मैं कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री फिर से जेल जाने की तैयारी कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए धर्मांतरण ध्रुवीकरण का क्या खेल खेला, समझिए कल झारखंड में माननीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी जिन्होंने झारखंड अलग राज्य बनाया के नाम पर चल रहे अस्पताल का नाम विदेशी मदर टेरेसा के नाम पर हो गया। बंगलादेशी को देश का वोटर बनाने की मानसिकता का पर्दाफाश होगा।
राज्य में लगभग 140 अटल मोहल्ला क्लीनिक सक्रिय हैं और ये लोगों को मुफ्त प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। ये क्लीनिक पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए थे, और अब झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने इनका नाम बदल दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा कि कैबिनेट ने अटल मोहल्ला क्लिनिक योजना का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस्ड हेल्थ क्लिनिक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसे भी पढ़ें: मैंने हिंदी सिखा दी? राज ठाकरे के डुबो-डुबोकर मारेंगे वाले बयान पर निशिकांत दुबे ने ली चुटकी
यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने अगस्त 2019 में राज्य की शहरी मलिन बस्तियों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करने के लिए शुरू की थी। भाजपा ने अब झारखंड सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान बताया है। भाजपा प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी झारखंड राज्य के निर्माता थे। राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनका नाम हटाना न केवल भारत रत्न का, बल्कि झारखंड की आत्मा का भी अपमान है। राज्य की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।